ट्रंप को क्यों खटका चीन, रूस, उ. कोरिया का साथ? रूस अब और सस्ता देगा भारत को कच्चा ईंधन Why is Trump upset with the unity of China, Russia and North Korea? Russia will now provide cheaper crude fuel to India

ट्रंप को क्यों खटका चीन, रूस, उ. कोरिया का साथ? रूस अब और सस्ता देगा भारत को कच्चा ईंधन
Why is Trump upset with the unity of China, Russia and North Korea? Russia will now provide cheaper crude fuel to India


 रवि पाराशर

आप कितने भी ताकतवर हों, कुटिल हों या फिर मौकापरस्त हों या फिर कितने भी कमजोर हों, सौम्य हों या फिर हर मौके पर सकारात्मक रहते हों, ऐसा नहीं हो सकता कि हर बार सब कुछ आपके पक्ष में ही रहे या फिर विरोध में ही जाता हो। … और जब आप मनमानी पर ही उतारू रहते हों, तब आपको कहीं से भी प्रतिकूल जवाब नहीं मिलेगा, ऐसा भी हर वक्त संभव नहीं है। ऐसा ही कुछ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हो रहा है।

राजधानी पेइचिंग में विक्ट्री-डे परेड के मौके पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का जुटना डोनाल्ड ट्रंप को बिल्कुल भी रास नहीं आया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि शी जिनपिंग, व्लादीमीर पुतिन और किम जोंग उन मिल कर अमेरिका के विरोध में षड्यंत्र रच रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप इन तीन देशों के खिलाफ क्या कदम उठाते हैं या फिर सिर्फ तिलमिला कर ही रह जाएंगे।

ट्रुथ सोशल पर पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, ‘कृपया मेरी ओर से व्लादीमीर पुतिन और किम जोंग उन को गर्मजोशी से शुभकामनाएं दें। ये दोनों अमेरिका के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। इस मौके पर जिनपिंग को अमेरिका को भी याद करना चाहिए। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चीन के राष्ट्रपति शी इसका जिक्र करेंगे या नहीं कि अमेरिका ने चीन को उनकी आजादी के लिए कितना बड़ा समर्थन और कुर्बानी दी है। चीन के लिए कई अमेरिकी मारे गए। मुझे उम्मीद है कि उनके बलिदान के लिए उन्हें सही तरह से सम्मानित किया जाएगा।’

दिलचस्प बात यह है कि ट्रंप ने इससे पहले कहा था चीन, रूस, भारत और दूसरे देशों के बीच गर्मजोशी बढ़ने का असर अमेरिका पर बिल्कुल नहीं पड़ेगा। लेकिन इसके तुरंत बाद ही वे चीन के विक्ट्री-डे में जुटे वैश्विक नेताओं के जमावड़े की बात पचा नहीं पाए और ट्रुथ सोशल पर उमड़ पड़े। हालांकि ट्रंप की कुंठा सिर्फ तीन नेताओं पर ही निकली है, 20 से ज्यादा देशों के वैश्विक नेताओं के विरोध में उन्होंने कुछ नहीं कहा। पर जाहिर है कि वे भी उनकी आंखों में खटक ही रहे होंगे।

इस बीच, अमेरिका के लिए अंदर ही अंदर खटकने वाला एक और मामला सामने आया है। खबर यह है कि एस-400 सरफेस टू एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम की नई डिलिवरी को ले कर रूस और भारत के बीच बातचीत चल रही है। यह जानकारी रूस की ओर से सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के बीच हुई लंबी निजी मुलाकात के बाद यह जानकारी मिली है। रूस की समाचार एजेंसी टीएएसएस ने फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री टेक्निकल को-ऑपरेशन के मुखिया दिमित्री शुगायेव के हवाले से इस खबर की पुष्टि की है।

अमेरिका को चिढ़ाने वाली एक और बात यह भी पता चली है कि रूस की ओर से अब भारत को और ज्यादा सस्ती दरों पर कच्चा ईंधन मुहैया कराया जाएगा। हम जानते हैं कि अमेरिका ने भारत पर टैरिफ दरों में 25 प्रतिशत का अतिरिक्त इजाफा रूस से सस्ता तेल खरीदने की बात कहते हुए ही किया है। अमेरिका साफ-साफ कह चुका है कि अगर भारत रूस से कच्चा ईंधन खरीदना बंद कर दे, तो 25 फीसदी टैरिफ दरें वापस ले ली जाएंगी। लेकिन भारत भी कह चुका है कि वह अमेरिका के आगे घुटने नहीं टेकेगा।
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