यूपी में इंटरनैशनल फिल्म सिटी का तो पता नहीं लेकिन रीजनल फिल्म सिटी ज़रूर बन सकती है
BJP MP Ravi Kishan eyes to create grand film city in Gorakhpur

यूपी में इंटरनैशनल फिल्म सिटी का पता नहीं लेकिन रीजनल फिल्म सिटी ज़रूर बन सकती है
यूपी की पहली रीजनल फिल्म सिटी
किस ज़िले में चिन्हित हुई 100 एकड़ ज़मीन?

उत्तर प्रदेश में इंटरनैशनल फिल्म सिटी की योजना भले ही परवान न चढ़ पाई हो लेकिन गोरखपुर में यूपी की पहली रीजनल फिल्म सिटी की योजना पर काम शुरू हो गया है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर को रीजनल फिल्म सिटी के रूप में एक बड़ा उपहार दिया है. रीजनल फिल्म सिटी को चीफ मिनिस्टर की हरी झंडी मिलने के बाद गोरखपुर विकास प्राधिकरण यानी Gorakhpur Development Authority ने फिल्म सिटी के लिए 100 एकड़ जमीन जिला प्रशासन से मांगी है. ताल नदौर की करीब 500 एकड़ सरकारी जमीन से 100 एकड़ फिल्म सिटी के लिए मिलने की उम्मीद है.
डीएम कृष्णा करुणेश के निर्देश पर गोरखपुर-वाराणसी रोड पर ताल नदौर में फिल्म सिटी के लिए जमीन तलाशी जा रही है. इसी एरिया में ऑथॉरिटी को ज़मीन उपलब्ध कराने की तैयारी है। ऑथॉरिटी के उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर…मुंबई से आए फिल्म इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स के साथ ताल नदौर एरिया का दौरा भी कर चुके हैं।
ताल नदौर एरिया की कनेक्टिविटी काफी अच्छी है इसीलिए इस जगह को फिल्म सिटी के लिए बेहतर विकल्प बताया जा रहा है। रीजनल फिल्म सिटी बनाने पर करीब 100 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है। इसके लिए प्रशासन की सरकार से बातचीत भी हो चुकी है. गोरखपुर में रीजनल फिल्म सिटी का बनना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि गोरखपुर का एरिया भोजपुरी और नेपाली सिनेमा का हब बन चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्हाल भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री दो हजार करोड़ रुपये से ऊपर की इंडस्ट्री बन चुकी है।
आने वाले दिनों में यूपी में भोजपुरी के साथ ही अवधी, बुंदेलखंडी, ब्रज और अन्य रीजनल सिनेमा के लिए काफी संभावनाएं हैं। गोरखपुर में फिल्म सिटी की स्थापना से इन संभावनाओं को मज़बूती मिलेगी.
इस प्रोजेक्ट को लेकर गोरखपुर के सांसद रवि किशन बेहद उत्साहित हैं. रवि किशन का कहना है कि उनके सपने को सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरा करने की शुरुआत कर दी है.

सांसद रवि किशन का कहना है कि गोरखपुर में रीजनल फिल्म सिटी की स्थापना से यूपी, बिहार और नेपाल के लाखों लोगों को अपने घर में ही रोजगार मिल सकेगा. इस फिल्म सिटी में सिनेमा से जुड़े लोगों के लिए अफोर्डेबल रेसिडेन्स भी दिया जाएगा.

गोरखपुर के सांसद का कहना है कि मुंबई फ़िल्म सिटी में यूपी बिहार के हजारों लोग काम करते हैं और अगर उन्हें उनके घर में ही सारी सुविधाएं मिलेंगी तो पलायन भी रुकेगा और यहां की प्रतिभाओं को अपना हुनर दिखाने का मौका भी मिलेगा.