I am Gen-Z… and I love India… Why is it important to establish a narration? आई एम जेन-ज़ी… और आई लव इंडिया… विमर्श स्थापित करना क्यों है जरूरी?
I am Gen-Z… and I love India… Why is it important to establish a narration? आई एम जेन-ज़ी… और आई लव इंडिया… विमर्श स्थापित करना क्यों है जरूरी?

रवि पाराशर
देश में इन दिनों -आई लव मोहम्मद- और इसके जवाब में –आई लव महादेव-, आई लव महाकाल- या हिंदू देवी-देवताओं के नाम के साथ क्रिया-प्रतिक्रिया का सिलसिला चल रहा है। ऐसे में विश्व हिंदू परिषद यानी वीएचपी ने शुक्रवार को –आई लव इंडिया- अभियान शुरू कर सार्थक विमर्श खड़ा करने की कोशिश की है।
भारत पंथ-निरपेक्ष देश है और यहां सभी लोगों को अपने-अपने धर्मों, आस्थाओं, विश्वासों पर टिके रहने की आजादी है। भारत में सभी धर्मों के लोग अपनी-अपनी पूजा पद्धति अपनाने और कर्मकांड करने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ –आई लव मोहम्मद- का मसला कई राज्यों में फैल गया है। कई जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोग उग्र हो रहे हैं। पुलिस के जवानों पर हमले तक कर रहे हैं। महाराष्ट्र के बीड में तो एक कथित मौलाना ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया ही, साथ ही उन्हें ‘दफनाने’ की धमकी तक दे डाली है।
एक और मामला आजकल ध्यान खींच रहा है। दुनिया भर में एक वर्ग आज की युवा पीढ़ी यानी जेन-जी की ऐसी छवि पेश कर रहा है कि वह कई कारणों से अराजक हो चुकी है, कुंठित है, गुस्से में है। नेपाल और बांग्लादेश की तस्वीरों ने तो आज के युवाओं की ऐसी छवि बनाई ही है, साथ ही भारत में भी कई जगहों पर ऐसी तस्वीरें दिखाई देने लगी हैं। लेह में कथित तौर पर राज्य के दर्जे को ले कर की गई हिंसा भी आक्रोशित युवाओं की तस्वीरें उभारने की ही कोशिश नजर आती है।
क्या यह मान लिया जाए कि विश्व भर में युवा शक्ति आक्रोशित है, कुंठित है, गुस्से में है या किसी भी तरह सिर्फ नकारात्मक गतिविधियों में लगी हुई है? इसका साफ-साफ जवाब यही है कि हर युवा नकारात्मक है, यह बात किसी भी कोण से सही नहीं कही जा सकती। आज दुनिया भर में तरक्की के जो दरवाजे खुल रहे हैं, उसका मुख्य कारण सकारात्मक युवा शक्ति ही है।
भारत की बात करें, तो बहुसंख्य युवा राष्ट्रभक्त हैं, यह कई अवसरों पर स्पष्ट तौर पर दिखाई भी देता रहता है। भारतीय संस्कृति, सभ्यता की पताकाएं फहराने में युवा शक्ति ही सर्वोपरि है। आसमान छूते स्टार्टअप हों या सेना में शामिल होने वाले अग्निवीरों के हौसले या फिर नए वोटर बनने वाले लाखों युवा लड़के-लड़कियां या फिर दुनिया में देश का सम्मान बढ़ाने वाले हमारे खिलाड़ी, हर क्षेत्र में भारतीय युवा अपनी क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत विकास के रास्ते पर सरपट दौड़ रहा है, तो इसमें युवा पीढ़ी का भी बहुत योगदान है।
ऐसे में –युवा अराजक हैं- यह नकारात्मक नैरेशन दूर करना बहुत जरूरी है। विश्व हिंदू परिषद के प्रचार विभाग से जुड़े केंद्रीय अधिकारी के. एन. वेंकटेश्वरन के अनुसार भारतीय जेन-जी सनातन संस्कारों की सच्ची संवाहक है। देश को तोड़ने के षड्यंत्र रचने वाली नकारात्मक शक्तियां ऐसा वातावरण बनाना चाहती हैं कि लगे भारतीय युवा रास्ते से भटक गए हैं।
उनका कहना है कि हालांकि ऐसे लोगों की संख्या बहुत सीमित है, लेकिन वे सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर ऐसा जताना चाहते हैं कि वे बड़ी संख्या में हैं और निर्णायक हैं। ऐसी नकारात्मक शक्तियों की असलियत सामने लानी चाहिए और इसके लिए आवश्यक है कि भारतीय युवा यह विमर्श खड़ा करते दिखें भी कि वे भारत को प्यार करते हैं। यही वजह है कि भारत में –आई लव इंडिया- विमर्श मजबूती से स्थापित किया जाना चाहिए।
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