Bihar Elections 2025: Nitish Kumar opens government coffers for women and weaker sections बिहार चुनाव 2025: महिलाओं और कमजोर वर्गों के लिए नीतीश कुमार ने सरकारी तिजोरी खोली

Bihar Elections 2025: Nitish Kumar opens government coffers for women and weaker sections बिहार चुनाव 2025: महिलाओं और कमजोर वर्गों के लिए नीतीश कुमार ने सरकारी तिजोरी खोली

रवि पाराशर
बिहार विधानसभा चुनाव जीतने के लिए नीतीश कुमार सरकार ने राज्य के लोगों, खास कर महिलाओं के लिए तिजोरी के द्वार कुछ ज्यादा ही खोल दिए हैं। सवाल यह है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऐलान एनडीए की चुनावी जीत की चाबी साबित होंगे?

विकास मित्रों पर मेहरबानी
रविवार, 21 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास मित्रों और शिक्षा सेवकों के लिए बड़ा ऐलान किया। टैबलेट खरीदने के लिए विकास मित्रों को बिहार सरकार 25 हजार रुपये देगी। ये रकम एक बार में ही दी जाएगी। साथ ही सरकार ने उनका परिवहन भत्ता भी बढ़ा दिया है। विकास मित्रों को अब 1900 रुपये की बजाय 2500 रुपए परिवहन भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा यह ऐलान भी किया गया है कि शिक्षा सेवकों को स्मार्ट फोन खरीदने के लिए 10 रुपये दिए जाएंगे।

महिला रोजगार योजना
इससे पहले 19 सितंबर को नीतीश सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का ऐलान किया। योजना के तहत 22 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 50 लाख महिलाओं के खातों में 10-10 हजार रुपये ट्रांसफर करेंगे। इस रकम से महिलाओं खुद का रोजगार या छोटा कारोबार शुरू कर पाएंगी। अब तक एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने योजना में आवेदन किया है। यह योजना उन महिलाओं के लिए ही होगी, जो जीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं।

ग्रेजुएट को बेरोजगारी भत्ता
इससे एक दिन पहले 18 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि प्रदेश के ग्रेजुएट युवक-युवतियों को मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का लाभ दिया जाएगा। योजना के तहत दो साल के लिए हर महीने एक हजार रुपये की मदद दी जाएगी। पहले यह योजना केवल 12वीं कक्षा पास कर चुके बेरोजगार युवाओं के लिए ही लागू थी। अब इसका दायरा बढ़ा कर ग्रेजुएट बेरोजगारों के लिए कर दिया गया है।

वस्त्र सहायता योजना
राज्य सरकार ने 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा के दिन मजदूरों को बड़ा तोहफा दिया। बिहार के 16 लाख से ज्यादा मजदूरों के खाते में सालाना वस्त्र सहायता योजना के तहत 802 करोड़ से ज्यादा रुपये ट्रांसफर करने के ऐलान के जरिये चुनाव साधने की बड़ी कोशिश की है।

आंगनवाड़ी सेविकाओं का मानदेय
आठ सितंबर को राज्य सरकार ने ऐलान किया कि आंगनवाड़ी सेविकाओं का मानदेय सात हजार से बढ़ा कर नौ हजार रुपये किया जाएगा। साथ ही सहायिकाओं का मानदेय चार हजार रुपये से बढ़ा कर साढ़े चार हजार रुपये करने का ऐलान भी किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह फैसला एक सितंबर, 2025 से लागू किया गया है। इसी दिन मुख्यमंत्री ने 80 नई पिंक बसों का लोकार्पण भी किया। इन बसों में सिर्फ महिलाएं ही सफर कर सकती हैं।

नौकरियों में 35 फीसदी आरक्षण
आठ जुलाई को बिहार सरकार ने राज्य की मूल निवासी महिलाओं के लिए सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा कर इतिहास रचने की कोशिश की। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। यह आरक्षण स्थाई और संविदा, दोनों तरह की नौकरियों पर लागू होगा। बिहार में स्थानीय निकायों और पंचायतों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण साल 2006 से ही दिया जा रहा है।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाई
इससे पहले बिहार सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की रकम करीब-करीब तीन गुनी करते हुए 400 रुपये से बढ़ा कर 1,100 रुपये कर दी। यह बढ़ोतरी जून, 2025 से लागू की गई। यह पेंशन बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं को दी जाती है। जाहिर है कि इस योजना में महिलाएं भी बड़ी संख्या में लाभार्थी हैं।

तथ्य यह है कि साल 2010 और उसके बाद हुए चुनावों में महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले ज्यादा वोट डाले हैं। उनकी ही बदौलत नीतीश कुमार लगातार बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हैं। ऐसे में अब अगर वे महिलाओं के सशक्तीकरण के नाम पर उनकी झोली भरने में लगे हैं, तो उन्हें इस बार भी उनके सहारे ही जीत की उम्मीद होगी। लेकिन ऐन चुनाव से पहले लोगों को खुश करना क्या नैतिकता की कसौटी पर खरा उतरता है, यह बड़ा सवाल है।
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