अपनी ही सरकार के कार्यक्रम में एक आम श्रोता की तरह जाकर बैठ गए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
अपनी ही सरकार के कार्यक्रम में एक आम श्रोता की तरह जाकर बैठ गए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
मसूरी में चल रहे चिंतन शिविर के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक एक आम नागरिक की तरह पहुंच गये.
देहरादून के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में चल रहे चिंतन शिविर के बुधवार के समापन सत्र में देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे थे.
इस दौरान सरदार पटेल भवन सभागार में सीएम अन्य अधिकारियों के बीच बैठकर एक श्रोता के रूप में विचारों को सुनने लगे. मुख्यमंत्री ने इस दौरान बेहद गंभीरता के साथ प्रस्तुतिकरण को देखने के साथ ही अधिकारियों के विचारों और सुझावों को सुना.
मुख्यमंत्री इसी तरह अपने क्रियाकलापों से उत्तराखंड की जनता को चौंकाते रहते हैं.
मसूरी में सशक्त उत्तराखंड@चिंतन शिविर में जब सीएम धामी एक आम श्रोता की तरह राज्य के अफसरों की बातें सुन रहे थे तब स्वास्थ्य विषय पर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार प्रेज़ेन्टेशन दे रहे थे.
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्य में चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ की कमी बनी हुई है जिसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों को और अधिक वेतन दिए जाने पर विचार किया जा रहा है. इसके अलावा पीपीपी मॉडल को अपनाया गया है ताकि मानव संसाधन को बढ़ाया जा सके.
वहीं, मानव संसाधन प्रबंधन के लिहाज से बताया गया कि अभी विभाग के पास कोई ट्रांसफर पालिसी नहीं है जिसकी वजह से समस्या आ रही है. अगर इस क्षेत्र में पीपीपी मॉडल से भर्ती करते हैं तो इस समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है.
स्वास्थ्य सचिव द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा विशेष रूप से डेडिकेटेड हाई एल्टीट्यूड सिस्टम बनाया जा रहा है. यह ऐसी टीम होगी जिससे यात्रा के दौरान मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी। वहीं, चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निजी सेक्टर को आकर्षित करने की जरूरत है.
सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर के द्वितीय सत्र के समापन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सभी अधिकारियों ने चर्चा भी की.
इस अवसर पर मुख्य सचिव एसएस संधू ने मुख्यमंत्री को बताया कि इन दिनों में काफी बेहतर चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि चर्चा का सेशन आधा घंटा था लेकिन चर्चाएं एक से डेढ़ घंटे तक खिंचीं.
साथ ही मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जिस तरह से चिंतन शिविर हो रहा है उसी तर्ज पर प्रत्येक माह दो से तीन विभागों के साथ चर्चा की जाएगी.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चिंतन शिविर में जितने भी विचार आए हैं उन्हें धरातल पर उतारा जाए और इन्हें कैबिनेट में लाया जाए.