Ajmer Tourism अजमेर Best Places to visit in Ajmer

Top Places to visit in Ajmer

Ajmer Travel Guide

Ajmer Travel Guide राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है. अजमेर यहां का सबसे महत्वपूर्ण शहर है. राजस्थान की कोई जगह जो दुनिया भर में मशहूर है तो वो अजमेर ही है.
Ajmer अजमेर में ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह और 14 किलोमीटर की दूरी पर पुष्कर में ब्रह्मा जी के मंदिर की वजह से यहाँ दो संस्कृतियों का समन्वय होता है.

7 वीं शताब्दी में राजा अजयपाल चौहान ने इस नगरी की स्थापना ‘अजय मेरू’ के नाम से की थी. ये 12वीं सदी के अंत तक चौहान वंश का केन्द्र था. जयपुर के दक्षिण पश्चिम में बसा Ajmer अजमेर शहर अनेक राजवंशों का शासन देख चुका है. 1193 ई. में मोहम्मद ग़ौरी के आक्रमण और पृथ्वीराज चौहान की पराजय के बाद मुगलों ने अजमेर को अपना प्रमुख ईष्ट स्थान माना. सूफी संत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती को ‘ग़रीब नवाज़’ के नाम से जाना जाता है और Ajmer अजमेर में उनकी बहुत सुन्दर और विशाल दरगाह है. हर साल ख़्वाजा के उर्स (पुण्यतिथि) के अवसर पर लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं.

Ajmer अजमेर शहर को शैक्षणिक स्तर पर भी अहम माना जाता है. यहाँ अंग्रेजों द्वारा स्थापित मेयो कॉलेज विश्वविख्यात है और इसकी स्थापत्य कला भी बेहद खास है. यहां विदेशी छात्र भी पढ़ने आते हैं.

अजमेर शरीफ दरगाह Top Places to visit in Ajmer

Ajmer अजमेर में दरगाह के अलावा भी बहुत से दर्शनीय स्थल हैं. Ajmer अजमेर में सर्वाधिक देशी व विदेशी पर्यटक ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर मन्नत मांगने तथा मन्नत पूरी होने पर चादर चढ़ाने आते हैं. सभी धर्मों के लोगों में ख़्वाजा साहब की बड़ी मान्यता है.

दरगाह में तीन मुख्य दरवाज़े हैं. मुख्य द्वार ‘निज़ाम दरवाज़ा’ निज़ाम हैदराबाद के नवाब ने बनवाया था.

इसके अलावा मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा बनवाया गया ‘शाहजहाँ दरवाजा’ और बुलन्द सुल्तान महमूद ख़िलजी द्वारा बनवाया गया ‘बुलन्द दरवाजा’ हैं.

उर्स के दौरान दरगाह पर झंडा चढ़ाने की रस्म के बाद बड़ी देग (तांबे का बड़ा कढ़ाव) जिसमें 4800 किलो तथा छोटी देग में 2240 किलो खाद्य सामग्री पकाई जाती है. जिसे भक्त लोग प्रसाद के तौर पर बाँटते हैं. श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी होने पर भी इन देगों में भोजन पकवाते और बाँटते हैं. सबसे ज्यादा हैरानी की बात है कि यहाँ केवल शाकाहारी भोजन ही पकाया जाता है.

अढाई दिन का झोंपड़ा Top Places to visit in Ajmer

‘अढाई दिन का झोंपड़ा’ कहलाने वाली इमारत मूल रूप से एक संस्कृत महाविद्यालय था लेकिन 1198 ई. में सुल्तान मुहम्मद ग़ौरी ने इसे मस्ज़िद में तब्दील करवा दिया.

हिन्दू व इस्लामिक स्थापत्य कला के इस नमूने को 1213 ई. में सुल्तान इल्तुतमिश ने और ज़्यादा सुशोभित किया. इसका ये नाम पड़ने के पीछे एक किवंदती है कि इस इमारत को मन्दिर से मस्जिद में तब्दील करने में सिर्फ ढाई दिन लगे थे. इसलिए इसका नाम ‘अढाई दिन का झोंपड़ा’ पड़ गया. मराठा काल में यहां पंजाबशाह बाबा का ढाई दिन का उर्स भी होता था इसीलिए इसका नाम अढाई दिन का झोंपड़ा पड़ा.

मेयो कॉलेज Top Places to visit in Ajmer
मेयो कॉलेज पुराने वक्त में भारतीय राजघरानों के बच्चों के लिए बोर्डिंग स्कूल हुआ करता था. अंग्रेजों के समय में रिचर्ड बॉर्क द्वारा 1875 ई. में मेयो कॉलेज की स्थापना की गई तथा ‘मेयो कॉलेज’ नाम दिया गया. इसके पहले प्राचार्य के रूप में नोबेल पुरस्कार विजेता तथा प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखक रूडयार्ड किपलिंग के पिता जॉन लॉकवुड किपलिंग ने इसका राज्य चिन्ह बनाया जिसमें भील योद्धा को दर्शाया गया. इस भवन का स्थापत्य इंडो सार्सेनिक (भारतीय तथा अरबी) शैली का अतुलनीय उदाहरण है. संगमरमर से निर्मित ये भवन बहुत आकर्षक है.

आनासागर झील Top Places to visit in Ajmer
ये एक कृत्रिम झील है जिसे 1135 से 1150 ई. के बीच राजा अजयपाल चौहान के पुत्र अरूणोराज चौहान ने बनवाया था. इन्हें ‘अन्ना जी’ के नाम से पुकारा जाता था तथा इन्हीं के नाम पर आनासागर झील का नाम रखा गया. इसके नज़दीक दौलत बाग मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा तथा पाँच बारहदरियां सम्राट शाहजहाँ द्वारा बनवाई गई थीं. खूबसूरत सफेद मार्बल में बनी बारहदरियां हरे भरे वृक्ष-कुन्जों से घिरी हैं. पर्यटक यहाँ सुस्ताने और मानसिक शांति के लिए आते हैं.

सोनी जी की नसियां Top Places to visit in Ajmer
19वीं सदी में निर्मित ये जैन मन्दिर भारत के समृद्ध मंदिरों में से एक है. इसके मुख्य कक्ष को स्वर्णनगरी का नाम दिया गया है. इसका प्रवेश द्वार लाल पत्थर से बना है और अन्दर संगमरमर की दीवारें बनी हैं. इन दीवारों पर काष्ठ यानी लकड़ियों की आकृतियां और शुद्ध स्वर्ण पत्रों से जैन तीर्थंकरों की छवियाँ और चित्र बने हैं. इसकी साज सज्जा बेहद सुन्दर है.

फॉय सागर झील Top Places to visit in Ajmer
अरावली पर्वतमाला की छवि इस कृत्रिम झील में देखी जा सकती है. सन् 1892 ई. में एक अंग्रेज इन्जीनियर मिस्टर फॉय द्वारा इस झील को उस समय अकाल राहत कार्य के दौरान लोगों को सहायता देने के लिए बनवाया गया था. यहाँ का वातावरण मन को शांति देता है.

नारेली जैन मन्दिर Top Places to visit in Ajmer
जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित श्री ज्ञानोदय जैन तीर्थ के नाम से पहचान रखने वाला यह जैन मन्दिर पारम्परिक एवं समकालीन वास्तुकला का उत्तम नमूना है. इसके आसपास 24 लघु यानी छोटे देवालय यानी मंदिर हैं जो ‘जिनालय’ के नाम से जाने जाते हैं. दिगम्बर जैन समुदाय के लिए यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है.

साईं बाबा मंदिर Top Places to visit in Ajmer
सांई बाबा के भक्तों के लिए यह मन्दिर वास्तुकला का नवीनतम नमूना है और बहुत लोकप्रिय है. अजय नगर में लगभग दो एकड़ में फैले इस मंदिर को अनूठे पारदर्शी सफेद संगमरमर से बनाया गया है जिसमें प्रकाश प्रतिबिंबित होता है यानी लाइट का रिफ्लेक्शन पड़ता है. 1999 में अजमेर निवासी श्री सुरेश के. लाल ने ये मंदिर बनवाया था.

राजकीय संग्रहालय Top Places to visit in Ajmer
यह संग्रहालय मुग़ल सम्राट अकबर ने सन् 1570 में, गढ़महल में बनवाया था. पुरातात्विक शिलालेख, मूर्तियाँ, अस्त्र-शस्त्र तथा पूर्व महाराजाओं के सुन्दर चित्र व अन्य कलाकृतियां यहां प्रदर्शित किए गए हैं. सरकार द्वारा इसका जीर्णोद्वार कराने के बाद आठ दीर्घाएं पर्यटकों के देखने के लिए खोल दी गई हैं.

तारागढ़ क़िले का प्रवेशद्वार Top Places to visit in Ajmer
तारागढ़ क़िले का भव्य और शानदार मुख्य प्रवेश द्वार एक पहाड़ी की चोटी पर बना हुआ है. तारागढ़ के मुख्य प्रवेश द्वार के दोनों तरफ मज़बूत विशाल रक्षक चौकियों के रूप में दो शक्तिशाली पहरेदारों के कमरे हैं जो कि दो विशालकाय पत्थर के हाथियों से सजे हुए हैं. किसी जमाने में बेहद शानदार रहे इस भव्य क़िले की मुख्य विशेषता है इसमें बनाए गए पानी के कृत्रिम जलाशय तथा ‘भीम बुर्ज’ जिन पर ‘‘गर्भ गुन्जम’’ नामक तोप निगरानी करती थी. यहाँ पर एक वैभवशाली रानी महल भी है जिसकी खिड़कियों में रंगीन कांच का काम किया हुआ है और दीवारों व छतों पर भित्ति चित्र बने हुये हैं. ये स्थान शासकों की पत्नियों (रानियों) का आवास हुआ करता था. यह सब कुछ तारागढ़ क़िले को राजपुताना के वास्तुशिल्प का एक अतुल्य और बेमिसाल उदाहरण बनाता है. Ajmer अजमेर आने वाले पर्यटकों के लिए भी ये एक बड़ा आकर्षण है. ये क़िला ‘हजरत मीरान सैयद हुसैन खंगसवार’ (मीरान साहब) की दरगाह के लिए भी विख्यात है.

किशनगढ़ का क़िला Top Places to visit in Ajmer
राजस्थान के किशनगढ़ क़स्बे में किशनगढ़ का भव्य क़िला स्थित है. क़िले को देखने पर इसमें जेल, अन्न भण्डार, शस्त्रागार और कई प्रमुख भव्य इमारतें भी देख सकते हैं. इसका सबसे बड़ा भवन दरबार हॉल है. ये वो स्थान है जहाँ राजा अपनी प्रतिदिन की शासकीय सभा बुलाया करते थे. अगर हम क़िले के अन्दर स्थित सर्वाधिक आकर्षक महल की बात करें तो वो है ‘‘फूल महल’’ जो कि राठौड़ वंश के शासकों के वैभव को प्रदर्शित करता है. इसकी दीवारों को राजसी शैली में भव्य और सुन्दर भित्ति चित्रों तथा बेहतरीन कलाकारी से सजाया गया है.

क़िले के साथ साथ यहाँ पर कुछ झीलें हैं जैसे ‘गुन्डु लाव तालाब’ और ‘हमीर सागर’ जो कि यहाँ के बड़े पिकनिक स्थल हैं. अगर आप इतिहास को दोबारा देखना चाहते हैं तो राजस्थान में आने पर आपको किशनगढ़ का क़िला ज़रूर देखना चाहिए.

प्रज्ञा शिखर, टोडगढ़ Top Places to visit in Ajmer
2005 में जैन समुदाय द्वारा जैन आचार्य तुलसी की स्मृति में बनवाया गया ‘प्रज्ञा शिखर’ एक मंदिर है जो कि पूरा का पूरा काले ग्रेनाइट पत्थर से बनाया गया है. अरावली की पहाड़ियों में प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर ये मंदिर टोडगढ़ में स्थित है. ये एक एन. जी. ओ. द्वारा बनवाया गया था. इसका उद्घाटन (स्व.) डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वारा किया गया था. प्रज्ञा शिखर एक शांतिपूर्ण स्थल है तथा मंदिर के नीरव वातावरण में आनंद लेने के लिए इस स्थल को ज़रूर देखा जा सकता है.

टोडगढ़ में और उसके आस पास जो देखने लायक अन्य स्थल हैं वों हैं पुराना सी. एन. आई. चर्च, कतर घाटी, दूधलेश्वर महादेव, भील बेरी और रावली टोडगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य.

विक्टोरिया क्लॉक टॉवर (घन्टाघर) Top Places to visit in Ajmer
Ajmer अजमेर एक ऐसा शहर है जहाँ ब्रिटिश राज्य का आधिपत्य तथा ब्रिटिश शासन का बहुत अधिक प्रभाव था. ब्रिटिश सरकार ने अजमेर में कई रूपों में अपनी विरासत छोड़ी जिनमें से कुछ शैक्षणिक संस्थाएं तथा कुछ वास्तुशिल्प से समृद्ध इमारतें हैं. इन इमारतों में से कुछ अजमेर के मध्य में स्थित हैं जिनमें एक विक्टोरिया जुबली क्लॉक टॉवर है. ये प्रत्येक आने वाले का ध्यान अपनी ओर तुरन्त खींचता है. Ajmer अजमेर शहर में स्थित रेलवे स्टेशन के ठीक सामने की ओर ये शानदार भव्य स्मारक घन्टा घर 1887 में बनवाया गया था. इसकी विशेष सुन्दरता तथा पहचान इसकी कलात्मक वास्तुकला है. ये ब्रिटिश वास्तुकला का एक प्रभावशाली उदाहरण है. देखने वालों को ये घन्टा घर लन्दन की प्रसिद्ध बिग बेन घड़ी का छोटा रूप लगता है.

पृथ्वीराज स्मारक Top Places to visit in Ajmer
पृथ्वीराज स्मारक बहादुर राजपूत सेना प्रमुख पृथ्वीराज चौहान तृतीय की स्मृति तथा सम्मान में बनवाया गया स्मृति स्मारक है. बारहवीं शताब्दी में चौहान वंश के अन्तिम शासक पृथ्वीराज चौहान तृतीय ने Ajmer अजमेर और दिल्ली की दो राजधानियों पर शासन किया था. ये स्मारक उनके भक्तिभाव और साहस का प्रतीक है. इस स्मारक में पृथ्वीराज चौहान तृतीय की मूर्ति को घोड़े पर बैठे हुए दिखाया गया है जो कि काले पत्थर से निर्मित है. घोड़े के अगले दोनों पैरों के खुर सामने ऊपर की तरफ हवा में उठे हुए हैं. इसे देख कर ऐसा लगता है जैसे घोड़ा पूरे जोश के साथ आगे की तरफ बढ़ने वाला है. ये स्मारक एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है जो कि अरावली श्रृंखला से घिरी हुई है. यहाँ से दर्शक और पर्यटक अजमेर शहर का सुहाना विहंगम दृश्य देख सकते हैं. स्मारक के बराबर में ही एक हरा भरा बग़ीचा भी है. जहाँ पर्यटक बैठ सकते हैं और आराम कर सकते हैं.

आनासागर बारादरी Top Places to visit in Ajmer
Ajmer अजमेर में स्थित आना सागर झील के दक्षिण पूर्व में आनासागर के किनारे पर सुन्दर सफेद संगमरमर के मंडप बने हुए हैं जो कि बारादरी (बारहदरी) कहलाते हैं. ये एक मुग़ल कालीन स्थापत्य कला है जो कि जल निकायों से चारों ओर घिरा हुआ सा महसूस होता है. ये बग़ीचों की हरियाली और सुन्दरता से भरपूर स्थल है.

इन मण्डपों का इतिहास बड़ा ही गौरवशाली है. यह बग़ीचों के बीच आनंद से भरपूर एक हिस्सा है जिसे दौलत बाग़ का नाम दिया गया. इसे मुग़ल बादशाह शाहजहाँ और जहाँगीर द्वारा बनवाया गया था. ब्रिटिश शासन के दौरान इन पाँच मण्डपों को अंग्रेजों के दफ्तर में बदल दिया गया था. मौजूदा वक्त में आप इन वास्तविक प्रामाणिक मण्डपों को पूरी तरह संरक्षित देख सकते हैं. इनके साथ में ही एक शाही हम्माम (स्नान गृह) भी है जो कि इसी जगह पर स्थित है. आनासागर की बारादरी एक सुरम्य और शांतिपूर्ण स्थल है जहाँ बैठकर आप इन सुंदर मण्डपों की ओर आस पास के सुखमय वातावरण की तारीफ अवश्य करेंगे. यहां आप के मन को बड़ा सुकून महसूस होगा. शांति पाने के लिए इस स्थान को ज़रूर देखना चाहिए और इसके वैभवपूर्ण इतिहास को अनुभव करना चाहिए.

शहीद स्मारक, अजमेर Top Places to visit in Ajmer
शक्तिशाली और बहादुर लोगों के लिए श्रृद्धा दिखाना हमेशा से राजस्थान के लोगों की आत्मा में गहराई तक शामिल रहा है. यही बात आप Ajmer अजमेर शहर में भी देख सकते हैं. जब आप शहर के अन्दर और चारों तरफ घूमेंगे तो आप इस तरह की इमारतों और स्मारकों के आस पास पहुंच जाएंगे जो कि महान योद्धाओं और शूरवीरों को श्रृद्धांजलि अर्पित करने और इस शाही राज्य में जन्म लेने वाले शहीदों की याद में बनवाए गए थे.

Ajmer अजमेर का शहीद स्मारक इसी प्रकार की एक इमारत है जो कि साहसी वीरों की आत्माओं के बलिदान के लिए स्मरणोत्सव के रूप में बनवाया गया था. रेल्वे स्टेशन के एक दम सामने की ओर स्थित यह स्मारक बिल्कुल साफ दिखाई देता है. आप यहाँ तक आसानी से पहुँच सकते हैं. शहीदों को श्रृद्धांजलि अर्पित करने के लिए विभिन्न अवसरों पर यहाँ के स्थानीय लोग तथा स्थानीय प्रशासन के लोग इकट्ठा होते हैं. ये स्मारक रंग बिरंगी रौशनी और फव्वारों से सजाया गया है.

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