Noida International Airport latest News in Hindi जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लेटेस्ट न्यूज़ इन हिन्दी
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एयरपोर्ट के विदेशी CEO ने क्या कह दिया?
केन्द्र और यूपी सरकार को सलाह दे दी?
यूपी के जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) पिछले कई साल से चर्चा में है।
पहले इसकी चर्चा इसलिये होती थी कि इसका काम शुरू नहीं हो रहा था फिर एयरपोर्ट की चर्चा इसलिए हुई कि इसका काम शुरू हो गया और अब इसके कन्स्ट्रक्शन की गतिविधियों को लेकर खबरें आती रहती हैं।

अब एक नया अपडेट आया है एयरपोर्ट बनवाने वाली कंपनी के सीईओ के बयान के रूप में।
YIAPL यानी यमुना इंटरनैशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ ने कुछ ऐसा कह दिया है जो केंद्र सरकार और यूपी सरकार को सुनना चाहिए।
YIAPL के सीईओ क्रिस्टोफ़ श्नैलमैन ने 23 नवंबर 2022 मंगलवार को एक बड़ा बयान दे दिया। इस बयान को देश की सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार के लिए सीईओ की सलाह के तौर पर देखा जा सकता है।

क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा कि “केंद्र और राज्य सरकारों को ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे जैसे प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए निजी कंपनी के साथ रियायत समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले आवश्यक मंजूरी प्राप्त करनी चाहिए और सारी ज़मीन का अधिग्रहण करना चाहिए।”
हम इसी प्लेटफॉर्म पर बता चुके हैं कि टेंडर प्रोसेस में कामयाबी हासिल करने के बाद स्विस कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने 7 अक्टूबर, 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार के साथ 29,560 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा प्रोजेक्ट के लिए रियायत समझौते पर साइन किए थे।

जुलाई 2021 में राज्य सरकार ने फेज-1 के निर्माण के लिए स्विस फर्म को 1,334 हेक्टेयर जमीन सौंपी थी। सितंबर 2024 तक फेज़-वन का निर्माण पूरा होने पर हवाईअड्डे से उड़ान शुरू हो जाएंगी।
पिछले दिनों कुछ गांववालों ने एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए ज़मीन अधिग्रहण का विरोध किया था। एक गांव के किसान धरना देने के लिए ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के दफ्तर पर पहुंच गए थे।
इसी तरह की घटनाओं के बाद अब एयरपोर्ट डेवेलपर कंपनी के अधिकारी श्नेलमैन ने कहा कि “प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के साथ-साथ घरेलू निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए इन ग्रीनफ़ील्ड हवाईअड्डा परियोजनाओं की योजना बनाई जानी चाहिए।
जब सभी आवश्यक मंजूरी जैसे पर्यावरण मंजूरी मिल जाए और जब सरकार के पास पूरी ज़मीन उपलब्ध हो तब एग्रीमेंट के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
हवाईअड्डे का विकास रेल और सड़क जैसी कनेक्टिविटी पर आधारित है। यह एक मजबूत और टिकाऊ अवधारणा है।”
केंद्र और यूपी सरकार नोएडा हवाईअड्डे को दिल्ली और अन्य शहरों से जोड़ने के लिए मेट्रो और स्पीड रेल का निर्माण कर रही है। हालांकि, यह मेट्रो और स्पीड रेल 2024 में तैयार होने की उम्मीद नहीं है।
जबकि एयरपोर्ट का शुरूआती चरण तब तक पूरा हो जाएगा। यहां से उड़ान होने लगेंगी और यात्रियों का आना जाना शुरू हो जाएगा।

क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने ये भी कहा कि, “हम अन्य ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों को विकसित करने की योजना का भी समर्थन करते हैं। एक मजबूत नीतिगत ढांचा मौजूद है। हम राज्य प्रायोजकों को प्रोत्साहित करेंगे, चाहे वो केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार हो।”
क्रिस्टोफ ये बयान बुधवार को दिल्ली में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक सम्मेलन में दिया। ये बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी साल मार्च में भारत के सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में कहा था कि सरकार की योजना वर्ष 2025 तक भारत में हवाईअड्डों की संख्या 140 से बढ़ाकर 220 करने की है।
श्नेलमैन ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों और मौजूदा हवाईअड्डों के बीच समान अवसर हों।
क्रिस्टोफ ने कहा, “नए हवाईअड्डे यातायात के निचले स्तर पर गतिविधि शुरू करेंगे। सरकार निर्माण के लिए जीएसटी सब्सिडी दे। नए हवाईअड्डों को सीएनएस (संचार, नेविगेशन और निगरानी) जैसे चार्ज की छूट दी जा सकती है।