New Noida Latest Update in Hindi अब न्यू नोएडा पर बिल्डरों की बुरी नज़र?
New Noida Latest Update in Hindi अब न्यू नोएडा पर बिल्डरों की बुरी नज़र?
अब न्यू नोएडा पर बिल्डरों की बुरी नज़र?
हालत सुधारने के लिए DNGIR का इस्तेमाल होगा?
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लोगों की मेहनत की कमाई डकार जाने वाले बिल्डर्स की नज़र अब न्यू नोएडा यानी डीएनजीआईआर पर गड़ गई है. मीडिया रिपोर्ट्स में छपी जानकारी के मुताबिक दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन 21 हजार 102 हेक्टेयर जमीन पर बसाया जाएगा। इसमें 2 हजार 477 हेक्टेयर एरिया में रेसिडेंशियल कन्स्ट्रक्शन होगा. इसमें हाइराइज सोसाइटीज़ भी शामिल हो सकती है. यानी संभावना पूरी है कि यहां रिएल एस्टेट प्लेयर्स को भी इन्वेस्टमेंट करने का मौका मिलेगा. एनसीआर में बिल्डिंग कन्स्ट्रक्शन के काम में लगे बिल्डर्स को उम्मीद है कि डीएनजीआईआर जैसे इन्वेस्टमेंट रीजन के डेवेलप होने से रिएल एस्टेट की हालत को सुधारने का भी मौका मिल सकता है.
नोएडा को 1976 में 19 हजार 600 हेक्टेयर ज़मीन पर बसाया गया था। इसे इंडस्ट्रियल सिटी के तौर पर बसाया गया लेकिन 2007 से 2012 में इसका स्वरूप बदल गया और इंडस्टियल इन्वेस्टमेंट के बजाए यहां रियल स्टेट सेक्टर ज्यादा डेवेलप होता दिखाई दिया. हालांक यहां ज्यादातर रेसिडेंशियल योजनाएं फेल हो गईं. फिलहाल अलग-अलग बिल्डर्स पर एजेंसीज़ का 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया है। बिल्डर्स जब तक ये बकाया जमा नहीं करा देते तब तक उनके प्रोजेक्ट्स में बने मकानों की रजिस्ट्री नहीं कराई जा सकतीं.
ऐसे हालात से सबक लेते हुए एजेंसीज़ और सरकार ने तय किया है कि जो नोएडा में हुआ उसे न्यू नोएडा में नहीं होने दिया जाएगा. DNGIR नोएडा न बन जाए इसके लिए नियमों में बदलाव किया जाएगा। साथ ही रेजिडेंसिएल एरिया को पहले से ही चिन्हित कर लिया गया है। तय किया गया है कि न्यू नोएडा का प्रमुख लक्ष्य इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट होगा न कि रिएल एस्टेट डेवेलपमेंट. न्यू नोएडा को बसाया ही जा रहा है इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट के लिए. इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट के लिए यहां 8 हजार 811 हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर ली गई है. इस ज़मीन पर सिर्फ उद्योगों का विकास होगा।
इसके अलावा
रेजिडेंशियल्स के लिए 2477 हेक्टेयर
कमर्शियल्स के लिए 905.97 हेक्टेयर
पीएसपी इंस्टीट्यूशनल कन्स्ट्रक्शन के लिए 1682.15 हेक्टेयर
फैसिलिटी / यूटिलिटी के लिए 198.85 हेक्टेयर
इंडस्ट्रीज़ के लिए 8811 हेक्टेयर
ग्रीन पार्क / ओपेन एरिया के लिए 3173.94 हेक्टेयर
रिक्रेशनल एक्टिविटीज़ के लिए 420.60 हेक्टेयर
वाटर बॉडीज़ के लिए 150.65 हेक्टेयर
और
ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन के लिए 3282.59 हेक्टेयर ज़मीन तय की गई है.
इस पर विचार किया जा रहा है कि DNGIR में कितनी सोसाइटी बनेंगी और ये सोसाइटी… ग्रुप हाउसिंग के तहत बनेंगी या फिर ऑथॉरिटी खुद इन्हें बनाएगी. इस पर भी मंथन किया जा रहा है कि एफएआर यानी फ्लोर एरिया रेशियो और पर्चेज़ेबल एफएआर कितना रखा जाए. ऑथॉरिटी का प्लानिंग डिपार्टमेंट इस पर योजना बनाने में लगा हुआ है.
हालांकि रियल स्टेट सेक्टर से जुड़े कारोबारियों को इसका बेसब्री से इंतजार है.
क्रेडाई एनसीआर के प्रेसीडेंट और गौड़ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र नोएडा और आस-पास के क्षेत्रों के विकास में एक अहम भूमिका निभाएगा. इसके पीछे कई कारण हैं जिनमें संसाधनों के साथ-साथ कंज्यूमर मार्केट के साथ इसकी नज़दीकी प्रमुख है. इसके अलावा न्यू नोएडा की राज्य और राष्ट्रीय स्तर के नेटवर्क तक आसान कनेक्टिविटी भी इसे ख़ास बनाती है. मनोज गौड़ ने ये भी कहा कि इस एरिया की खासियत ये भी है कि यहां मिनिमम रीसेटलमेंट इश्यूज़ होंगे और पड़ोसी इलाकों के भीतर अच्छी वर्कफोर्स की उपलब्धता है.
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इसके अलावा महागुन ग्रुप के डायरेक्टर अमित जैन के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि डीएनजीआईआर में रेजिडेंसिएल और हाइराइज के लिए 2 हजार हेक्टेयर एरिया को रिजर्व करने से इस क्षेत्र में रियल एस्टेट सेक्टर को बूम मिलेगा। ये क्षेत्र मिक्स्ड डेवलपमेंट का एक अच्छा उदहारण बनेगा. अमित जैन ने ये भी कहा कि न्यू नोएडा में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम और स्मार्ट सिटी का एक अच्छा कांसेप्ट देखने को मिलेगा. रियल एस्टेट डेवलपर्स एक ऐसे ही प्लान का इंतजार कर थे. जो न्यू नोएडा के कॉन्सेप्ट को पूरा करता हो.
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इसके अलावा मिगसन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि जब सरकार और एजेंसियां इस क्षेत्र को विश्व स्तर का बानाने का प्रयास कर रही हैं उस स्थिति में न्यू नोएडा का डेवलपमेंट करना आज के समय की जरूरत है. रेजिडेंशियल और हाइराइज के लिए अलग से 2 हजार हेक्टेयर एरिया की व्यवस्था करना रियल एस्टेट सेक्टर को तेज गति देगा। इसके साथ ही ये इस क्षेत्र में हमें अच्छे प्रोजेक्ट और एफडीआई को भी आकर्षित करेगा.