Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र Maha Mrityunjaya Mantra in Hindi

Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र Maha Mrityunjaya Mantra in Hindi

Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र Maha Mrityunjaya Mantra in Hindi

Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र दिलाता है हर तकलीफ़ से छुटकारा. Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र से ही मिलता है हर समस्या का समाधान.

आदियोगी भगवान शि‍व के पूजन में मंत्रों के जाप का बहुत ही ज़्यादा महत्व है. भगवान शिव की पूजा के दौरान कई तरह के मंत्रों का जाप किया जाता है. कार्यसिद्धि के लिए इन अलग-अलग मंत्रों की संख्या भी अलग होती है.

मान्यता है कि जब कोई मनुष्य सच्चे मन से इन शिव के मंत्रों का जाप करता है तो उसे उसकी हर कठिनाई और मुश्किल का हल मिल जाता है।

आज हम बात कर रहे हैं ऐसे ही एक मंत्र की. ये मंत्र है महामृत्युंजय मंत्र. ये मंत्र शिव शंभू का बहुत ही प्रिय मंत्र है.

Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र को एक ऐसा मंत्र माना जाता है जिसका जप करने से मनुष्य मृत्यु पर भी विजय प्राप्त कर सकता है. शास्त्रों में अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग संख्याओं में मंत्र के जप का विधान है. मतलब अलग-अलग उद्देश्य के लिए मंत्रों के जाप की संख्या भी अलग-अलग होती है. किसी समस्या के निदान के लिए 1100 बार मंत्र का जाप किया जाता है तो किसी दूसरी समस्या के लिए मंत्रों के जाप की संख्या दस गुना तक बढ़ जाती है।

आइए जानते हैं कि किस समस्या में महामृत्युंजय मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए.

-अगर आप किसी भय से ग्रसित हैं और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको 1100 बार मंत्र का करना चाहिए.

-अगर आपको कोई रोग है और कई कोशिशों के बावजूद आपको उस बीमारी से निजात नहीं मिल पा रही है तो आप 11000 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं. ऐसा करने से आपको बीमारी से राहत मिल सकती है.

-कई उद्देश्य ऐसे हैं जिनकी प्राप्ति के लिए सवा लाख बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना अनिवार्य है. जैसे पुत्र की प्राप्ति, सामाजिक और आर्थिक उन्नति और अकाल मृत्यु से बचाव.

अगर इंसान पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ ये मंत्र साधना करे तो उसे मनचाहा फल मिल सकता है.

Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र Maha Mrityunjaya Mantra in Hindi

ॐ त्रयंम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

Aum trayambakam yajaamahe sugandhin pushtivardhanam Uvarukamiv bandhanan Mrityormuksheey maamritaat

संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र Sampoorn Mahamrityunjay Mantra

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः
ॐ त्रयंम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्‍धनान्
मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ

Aum haun joon sah Aum bhoorbhuvah svah
Aum trayambakam yajaamahe sugandhin pushtivardhanam
Uvarukamiv bandhanan
Mrityormuksheey maamritaat
Aum svah bhuvah bhooh Aum sah joon haun aum  

Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से बहुत सी समस्याएं और बाधाएं दूर होती हैं. महामृत्युंजय मंत्र के साथ भगवान शिव का अभिषेक करने से इंसान को जीवन में कभी खराब हेल्थ की समस्या नहीं आती.

Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र जपने से अकाल मृत्यु टलती है और इंसान बीमारियों से मुक्त होता है. अगर मनुष्य नहाते वक्त शरीर पर लोटे से पानी डालने के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करे तो उसका स्वास्थ्य अच्छा रहता है.

पहले दूध को देखते हुए महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाए और उसके बाद उसी दूध को पी लिया जाए तो इंसान के यौवन की सुरक्षा होती है. यानी मनुष्य युवा बना रहता है.

मनुष्य के जीवन में कई ऐसी परिस्थितियां आती हैं जब उसके लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप काफ़ी फ़ायदेमंद साबित हो सकता है. ऐसी ही कुछ परिस्थितियां नीचे दी गई हैं.

-ज्योतिष के मुताबिक अगर जन्म, मास, गोचर, दशा, अंतर्दशा, स्थूलदशा वगैरह में ग्रहपीड़ा होने का योग हो.

-किसी महारोग की पीड़ा.

-ज़मीन-जायदाद के बंटवारे का विवाद.

-हैजा-प्लेग जैसी महामारी

-सत्ता या संपत्ति को खोने का ख़तरा

-धन-हानि होने की सूरत में.

-मेलापक में नाड़ीदोष या षडाष्टक.

-राजा का डर.

-धार्मिक कार्यों में मन न लगना.

-देश के बंटवारे की स्थिति

-इंसानों में आपसी बैर-भाव या दुश्मनी

-त्रिदोषवश होने वाले रोग.

Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र को चमत्कारी मंत्र माना जाता है लेकिन इसका जाप करने के लिए कुछ सावधानियां भी ज़रूरी हैं. इस मंत्र का पूरा लाभ लेने के लिए और किसी अनहोनी से बचने के लिए नीचे दी गई बातों का ध्यान रखना चाहिए.

-मंत्र जाप करते वक्त उच्चारण शुद्ध होना चाहिए.

-मंत्र का जाप एक निश्चित संख्या में करना चाहिए.

-जिस दिन जाप कर रहे हैं उससे पहले के दिनों में किए गए जाप से कम बार मंत्र का जाप न करें. मान लीजिए एक दिन आपने 1100 बार मंत्र जाप किया तो अगले दिन 1100 से कम बार मंत्र जाप न करें. ज्यादा बार कर सकते हैं.

-मंत्र का उच्चारण धीमे स्वर में करना चाहिए.

-मंत्र जाप करते वक्त धूप-दीप जलते रहना चाहिए.

-मंत्र जाप रुद्राक्ष की माला पर ही करना चाहिए.

-माला को गौमुखी में रखना चाहिए. जब तक जाप की संख्या पूरी न हो जाए, माला को गौमुखी से बाहर नहीं निकालना चाहिए.

-मंत्र जाप करते वक्त भगवान शिव की मूर्ति, तस्वीर, शिवलिंग या महामृत्युंजय यंत्र पास में रखना ज़रूरी है.

-महामृत्युंजय मंत्र के सभी जप कुशा के आसन पर बैठकर करने चाहिएं.

-मंत्र जाप करते वक्त दूध मिले जल से शिवजी का अभिषेक करते रहना चाहिए या उसे शिवलिंग पर चढ़ाते रहना चाहिए.

-महामृत्युंजय मंत्र जाप पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके करना चाहिए.

-जिस जगह से मंत्र जाप की शुरुआत हो उसी जगह पर ही लगातार जाप करना चाहिए. मंत्र जाप के लिए एक निश्चित स्थान बना लेना चाहिए.

-मंत्र जाप करते वक्त मन को इधर-उधर भटकने न दें. एकाग्र होकर मंत्र जाप करें.

-मंत्र जाप करते वक्त आलस और उबासी नहीं आनी चाहिए.

-झूठी बातें नहीं करनी चाहिए.

-मंत्र जाप करते वक्त स्त्री से दूरी बना कर रखें.

-मंत्र जाप करने के वक्त के दौरान मांसाहार नहीं करना चाहिए.

Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र Maha Mrityunjaya Mantra in Hindi

ॐ त्रयंम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

Aum trayambakam yajaamahe sugandhin pushtivardhanam Uvarukamiv bandhanan Mrityormuksheey maamritaat

संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र Sampoorn Mahamrityunjay Mantra

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः
ॐ त्रयंम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्‍धनान्
मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ

Aum haun joon sah Aum bhoorbhuvah svah
Aum trayambakam yajaamahe sugandhin pushtivardhanam
Uvarukamiv bandhanan
Mrityormuksheey maamritaat
Aum svah bhuvah bhooh Aum sah joon haun aum  

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