यूपी कैबिनेट ने जेवर एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे फेज़ के ज़मीन अधिग्रहण को मंज़ूरी दी
यूपी कैबिनेट ने जेवर एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे फेज़ के ज़मीन अधिग्रहण को मंज़ूरी दी

तीसरे-चौथे फेज़ के लिए लैंड एक्विज़िशन मंज़ूर
तीसरे-चौथे फेज़ में कुल 2053 हेक्टेयर ज़मीन
यूपी के गौतम बुद्ध नगर में बन रहे भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट का काम फेज़ बाई फेज़ आगे बढ़ रहा है. पहले चरण के लैंड एक्विजिशन के बाद दूसरे फेज़ का लैंड एक्विजिशन जारी है. साथ ही तीसरे और चौथे फेज़ के एक्विजिशन पर भी यूपी सरकार आगे कदम बढ़ा रही है. उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने तीसरेफेज़ के लिए 1318 हेक्टेयर ज़मीन और चौथे फेज़ के लिए 735 हेक्टेयर ज़मीन के अधिग्रहण को मंजूरी
दे दी है.

तीसरे और चौथे फेज़ में कुल मिला कर 2053 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. यानी चौथे फेज़ में कुल 735 हेक्टेयर ज़मीन अक्वायर की जाएगी. दोनों फेज़ यानी तीसरे और चौथे फेज़ में कुल मिलाकर 10 गांवों की जमीनों का अधिग्रहण होगा.
राज्य सरकार ने तीसरे और चौथे फेस में 2053 हेक्टेयर की जमीन अधिग्रहण प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है. प्रदेश सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद अब ऑथॉरिटी की तरफ़ से जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा. इसके साथ ही अधिग्रहण और विस्थापन के लिए अनुमानितखर्च का दस प्रतिशत पैसा भी प्रदेश सरकार की ओर से दिया जाएगा.
जेवर में नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को चार फेज़ में पूरा करने की प्लानिंग है. एयरपोर्ट के पहले फेज़ का काम जारी है, जिसमें लगभग 30,000 हजार करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है. पहले फेज़ में दो रनवे, टर्मिनल बिल्डिंग और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की बिल्डिंग का निर्माण कार्य किया जा रहा है.

इसके अलावा गौतम बुद्ध नगर ज़िला प्रशासन एयरपोर्ट के दूसरे फेज़ के लिए ज़मीन अक्वायर करने में जुटा हुआ है. दूसरे फेस में एक रनवे और देश का सबसे बड़ा एमआरओ (MRO) सेंटर बनाया जायेगा. MRO यानी Maintenance, Repair and Overhaul सेंटर वो जगह होती हैं जहां हवाई जहाज की मरम्मत की जाती है. नोएडा में एमआरओ सेंटर बनने से दूसरे देशों पर भारत की निर्भरता काफी कम हो जाएगी.