Jewar Airport Latest News in Hindi जेवर में बनेंगे हवाई जहाज़ के पुर्ज़े

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यूपी के जेवर में एयरपोर्ट से हवाई जहाज़ की उड़ान और हवाई जहाजों की मरम्मत की योजना के बाद अब यहां एय़रप्लेन्स के पार्टस की मैन्युफैक्चरिंग की खबर आई है. गौतम बुद्ध नगर में एयरपोर्ट के शिलान्यास के बाद अब यहां एक एविएशन क्लस्टर भी बनाने की तैयारी है. इस क्लस्टर में एयरप्लेन्स के कलपुर्जे बनाए जाएंगे. आप सब जानते हैं कि जेवर में एशिया का एक बड़ा एयरपोर्ट नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट के नाम से बनने जा रहा है. साथ ही यहां पर एक एमआरओ हब यानी मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉलिंग हब भी डेवेलप किया जाना है.

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यमुना ऑथॉरिटी एरिया में 1334 हेक्टेयर ज़मीन पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज़ का काम भी शुरू हो चुका है. स्विस कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल की एसपीवी यानी स्पेशल परपज़ व्हीकल कंपनी YIAPL जेवर में ये इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना रही है और उम्मीद है कि 2024 में यहां से उड़ानें भी शुरू हो जाएंगी. अभी देश में विमानों के रखरखाव का ज्यादा काम नहीं होता है लेकिन एमआरओ हब बनने के बाद इसमें न केवल देश के विमानों बल्कि विदेशी विमानों की भी मरम्मत हो सकेगी.
इसके अलावा नई खबर ये है कि अब जेवर में एयरप्लेन के पार्ट भी बनाए जाएंगे. जेवर में अब अमेरिकी कंपनियां विमान इंजन के कलपुर्जे बनाएंगी. इसके लिए 10 से ज्यादा कंपनियों ने यमुना ऑथॉरिटी के अफसरों के साथ चर्चा की है. ये कंपनियां यहां पर अपनी इकाइयां लगाना चाहती हैं।

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अमेरिकी कंपनियों ने ऑथॉरिटी के अफसरों को अपना प्रेजेंटेशन भी दिया है. बताया गया है कि विमान इंजन के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियां यहां पर तकनीक का भरपूर इस्तेमाल करेंगी. इसमें एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होगा. इसके अलावा रोबोटिक काम भी होंगे. दरअसल विमानों के कलपुर्जे बनाने वाली इन कंपनियों को लगता है कि इस एरिया में काफी संभावनाएं हैं. और वो इसी का उठाना चाहती हैं. यमुना ऑथॉरिटी के साथ बोइंग, जीई डिजिटल, हनीवेल, एल-3 हारिस, लॉजिस्टिक प्लस, रेदेय्योन, स्मिथ डिटेक्शन, वेसी एम्पायर, और वाल्टर पी मोर जैसी कंपनियों के ऑफिसर्स ने बातचीत की है. ये कंपनियां जेवर और आसपास अपनी यूनिट्स लगाना चाहती हैं. कंपनियों के प्रेजेन्टेशन के बाद ऑथॉरिटी ने सेक्टर-10 में 500 एकड़ एरिया में एविएशन क्लस्टर डेवेलप करने की तैयारी की है. इस क्लस्टर में अमेरिकी कंपनियों को प्लॉट्स अलॉट किए जाएंगे.
उम्मीद है कि इससे करीब 8 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके बाद जेवर में सिविल एविएशन का पूरा हब तैयार हो जाएगा.

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