Jewar Airport Latest News in Hindi जेवर एयरपोर्ट की ताज़ा ख़बर

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क्या अब भी रोका जा सकता है जेवर एयरपोर्ट का काम?

जेवर के कुछ किसान अभी भी क्यों हैं नाराज़?

जेवर एयरपोर्ट दुनिया में किस नंबर पर होगा?

क्या है जेवर एयरपोर्ट के छोटी से छोटी डीटेल?

अगर आप जानना चाहते हैं इन सभी सवालों के जवाब तो नीचे दिये गए वीडियो को देखिए आखिर तक और आत्मनिर्भर भारत की खबरें लगातार पाने के लिए इस चैनल ”Vinternet” को सब्स्क्राइब कर लीजिए अभी.

दोस्तों इस वीडियो में बात करेंगे यूपी के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट की.
जेवर एयरपोर्ट के लिए दूसरे फेज़ का ज़मीन अधिग्रहण चालू होने वाला है. इसके लिए दूसरे फेज़ में अक्वायर की जाने वाली ज़मीन के मालिक किसानों में से लगभग 80 प्रतिशत किसानों की मंज़ूरी की मिलने की खबर है. यानी ये तो तय हो गया है कि अब दूसरे फेज़ के ज़मीन अधिग्रहण के लिए ज़रूरी कानूनी अनिवार्यता पूरी हो गई है. नए भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से किसी भी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए प्रभावित होने वाले 70 प्रतिशत किसानों की सहमति जरूरी है। 7164 किसानों में से करीब 80 प्रतिशत ने अपनी मंजूरी दे दी है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (नियाल) के पास अब 2699 हेक्टेयर भूमि हो जाएगी।

हालांकि अभी भी सरकार और गौतम बुद्ध नगर प्रशासन ये कोशिश कर रहे हैं कि ज़मीन देने को लेकर सभी किसानों की सहमति मिल जाए. प्रशासन चाहता है कि जेवर एयरपोर्ट साइट के दायरे में आने वाले जो भी किसान हैं उनकी बात सुनी जाए और उनकी समस्या का समाधान निकाला जाए. इसी के तहत शुक्रवार को रन्हेरा गांव के सैकड़ों किसानों से यमुना ऑथॉरिटी के सीईओ और गौतम बुद्ध नगर के डीएम से मुलाकात की.

ये किसान अपनी मांगों को लेकर यमुना ऑथॉरिटी के दफ्तर पहुंचे थे. किसानों ने ऑथॉरिटी के बाहर प्रदर्शन भी किया. किसानों की मांग थी कि उन्हें मॉडलपुर गांव के पास बसाया जाए. किसानों ने पहले यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह और फिर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई के साथ अलग-अलग बात की.

किसानों की मुख्य मांगें हैं कि उन्हें जिस जगह विस्थापित किया जा रहा है वहां विस्थापित ना करके मॉडलपुर गांव के पास विस्थापित किया जाए, क्योंकि एयरपोर्ट के आसपास के अन्य विस्थापित गांव वहीं बसाए गए हैं, जिससे कि आने वाले समय में उनका सामाजिक ताना-बाना बना रहे. इसके अलावा जहां भी उन्हें विस्थापित किया जाए. वहां उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, सड़क, और बिजली दी जाए और श्मशान का भी इंतज़ाम हो.

रन्हैरा गांव के किसान कुमार शर्मा ने बताया कि उनकी मांग विस्थापन को लेकर है. सरकार के द्वारा उन्हें फ्लेदा कट के पास विस्थापित किया जा रहा है, जो जगह उनके लिए ठीक नहीं है. गांव के 90 परसेंट लोग चाहते हैं कि मॉडलपुर के पास विस्थापित किया जाए. साथ ही उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं दी जाए, जितनी उनकी जमीन गई है उतनी ही उन्हें जमीन दी जाए. इसके अलावा उन्हें कार्ड बनाकर दिया जाए.

किसानों की मांगों पर डीएम के आश्वासन के बाद किसानों ने प्रदर्शन खत्म कर दिया. किसानों को बताया गया है कि जब विस्थापित किसानों के लिए टाउनशिप बसाई जाएगी तो सबकी सहमति से निर्णय लिया जाएगा. अभी टाउनशिप की जगह फाइनल नहीं की गई है।

हालांकि किसानों के रूठने-मनाने की ख़बरों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात को कह चुके हैं कि एक वक्त था जब जमीन अधिग्रहण के लिए खून खराबा हुआ करता था, लेकिन एयरपोर्ट का जमीन अधिग्रहण बिल्कुल शांति से हुआ है.

हाल ही में जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह और जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने किसानों के साथ लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने जेवर के किसानों से चर्चा भी की थी. इसी चर्चा के बाद दूसरे फेज के जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजे के रेट को बढ़ाया गया था.

दोस्तों आप जानते हैं कि ग्रेटर नोएडा में जेवर एयरपोर्ट भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जेवर एयरपोर्ट से पहली फ्लाइट चली जाएगी. जेवर एयरपोर्ट की साइट पर पहले फेज का निर्माण कार्य तेजी से चालू है. 2024 आने में एक साल से कुछ महीने ज्यादा का ही वक्त बाकी है.


ऐसे में सरकार अपने वादे के अनुसार जनवरी 2024 तक एयरपोर्ट से उड़ान शुरू कर देना चाहती है. इसी कारण एयरपोर्ट के लिए दूसरे फेस के जमीन अधिग्रहण को लेकर काम शुरू हो चुका है.

जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास यूपी विधानसभा चुनाव से पहले 25 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में किया था. पहले फेज के लिए 1334 हेक्टेयर ज़मीन अक्वायर की जा चुकी है और इस पर निर्माण कार्य जारी है.

एयरपोर्ट के लिए कुल 6200 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई है. एरिया के मामले में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा. इससे पहले किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट सऊदी अरब,
डेनवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट अमेरिका
और
डलास इंटरनेशनल एयरपोर्ट अमेरिका
ये तीन एयरपोर्ट ही क्षेत्रफल के मामले में सबसे बड़े हवाई अड्डों में शुमार थे।

क्षेत्रफल के आधार पर दुनिया के मौजूदा पांच सबसे बड़े एयरपोर्ट में सऊदी अरब का किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट 77,600 हे,
अमेरिका का डेनवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट 13,571 हे.
और अमेरिका डलास इंटरनेशनल एयरपोर्ट 6,963 हेक्टेयर भूमि पर बना है।
जबकि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कुल 6200 हेक्टेयर भूमि पर बनेगा.
इसके बाद अमेरिका का आरलैंडो इंटरनेशनल एयरपोर्ट 5383 हे. और वाशिंगटन डुलल्स इंटरनेशनल एयरपोर्ट 4856 हेक्टेयर भूमि में बना हैं।

हालांकि, रनवे के मामले में दूसरे एयरपोर्ट काफी बड़े हैं। जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण अलग-अलग फेज में पूरा होगा. जेवर एयरपोर्ट पर कुल पांच रनवे बनने हैं। पहले फेज़ के लिए 1334 हेक्टेयर भूमि पर दो रनवे का निर्माण कार्य हो रहा है। पहले फेज का निर्माण भी चार हिस्सों में होगा। एक रनवे का निर्माण कार्य 2024 में पूरा हो जाएगा। इस पर करीब 5700 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

एयरपोर्ट के चालू होने पर शुरुआती दौर में सालाना एक करोड़ 20 लाख यात्री सफर करेंगे। संख्या बढ़ने पर दूसरे चरण में एक और रनवे का निर्माण होगा। बाकी दो और रनवे का निर्माण अगले चरणों में होगा। चारों चरण पूरे होने पर एयरपोर्ट से सालाना करीब सात करोड़ यात्री सफर करेंगे।

जेवर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट पर कुल 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. एयरपोर्ट के निर्माण के लिए दूसरे चरण में जिस ज़मीन को लिया जा रहा है, उस पर एक रनवे और एक एमआरओ यानी एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस, रिपेयरिंग एंड ओवरहॉलिंग सेंटर बनेगा। फिल हाल देश के 85 प्रतिशत हवाई जहाज मेंटेनेंस, रिपेयर, एंड ओवरहालिंग के लिए विदेश जाते हैं। इस पर सालाना 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होते हैं।

नोएडा एयरपोर्ट एमआरओ का बड़ा केंद्र बनने से विदेश जाने वाली मुद्रा की बचत होगी और युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। 

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