Guru Gobind Singh Jayanti सिखों के 10वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती
Guru Gobind Singh Jayanti सिखों के 10वें गुरुगुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती
Guru Gobind Singh Ji Gurpurab 2020:
2 जनवरी 2020, गुरूवार को गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) पूरी शान से मनाई गई. ये गुरु गोबिंद सिंह जी की 353वीं जयंती (Guru Gobind Singh 353th Jayanti) थी. सिख धर्म के लोग गुरु गोबिंद सिंह जयंती को बहुत धूम-धाम से मनाते हैं. इस दिन घरों और गुरुद्वारों में कीर्तन होता है.
गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह की जिंदगी और शिक्षा लगातार सभी को प्रेरित कर रही है. राष्ट्रपति ने ट्विटर पर लिखा, ‘गुरु गोबिंद सिंह जी को उनकी जयंती पर मेरी श्रद्धांजलि. उनका जीवन लोगों की सेवा और सत्य, न्याय एवं करुणा के जीवन-मूल्यों के प्रति समर्पित रहा. गुरु गोविन्द सिंह जी का जीवन और शिक्षाएं हमें आज भी प्रेरित करती हैं।’
उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी देशवासियों को गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर शुभकामनाएं दीं. उन्होंने लिखा, ‘आज गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्म जयंती के पावन अवसर पर पूज्य गुरु की स्मृति को सादर नमन करता हूं तथा देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन संदेश तथा उनके कृतित्व हमारे राष्ट्रीय, सामाजिक और निजी जीवन में आज भी अनुकरणीय हैं. उनकी शिक्षा हमारे राष्ट्रीय जीवन का मार्ग दर्शन करे और हमें प्रेरणा दे कि हम मानवता के काम आ सकें।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती के अवसर पर वीडियो शेयर करते हुए देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘हम आदरणीय श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को उनके प्रकाश पर्व पर नमन करते हैं।’
We bow to the venerable Shri Guru Gobind Singh Ji on his Prakash Parv.
सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह का जन्म पटना में आज के दिन हुआ था। उनकी जयंती पूरे देश और विश्व में बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जाती है.
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन संदेश को प्रेरणादायी बताया. जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘सिख धर्म के 10वें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर उन्हें मेरा नमन और श्रद्धांजलि.’
गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) जी सिखों के 10वें गुरु (Tenth Nanak) थे. इन्होंने ही सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) को पूरा किया. गुरु गोबिंद सिंह जी ने ही गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया था.
साल 1699 में गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. यह सिखों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है. खालसा पंथ की रक्षा के लिए गुरु गोबिंद सिंह जी मुगलों और उनके सहयोगियों से करीब 14 बार लड़े.
गुरू गोबिंद सिंह जी ने खालसा वाणी – “वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह” भी दी.
उनका जन्म मौजूदा बिहार के पटना साहिब में हुआ था. गुरू गोबिंद सिंह जी की जयंती के दिन बिहार के पटना साहिब गुरुद्वारा में संगतों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस गुरुद्वारें में वो सभी चीजें मौजूद हैं जो जिसका इस्तेमाल गुरु गोविंद सिंह जी करते थे. यहां गुरु गोविंद की छोटी कृपाण भी मौजूद है जिसे वो हमेशा अपने पास रखते थे. इसके अलावा यहां गुरु गोंविद जी की खड़ाऊ और कंघा भी रखा हुआ है. यहां वो कुआं भी अब तक मौजूद है जिसका इस्तेमाल गुरु गोविंद सिंह जी की मां पानी भरने के लिए करती थीं.
जीवन जीने के लिए उनके द्वारा दिए गए पांच सिद्धांतों को ‘पांच ककार’ कहा जाता है. पांच ककार का मतलब ‘क’ शब्द से शुरू होने वाली उन 5 चीजों से है, जिन्हें गुरु गोबिंद सिंह के सिद्धांतों के अनुसार सभी खालसा सिखों को धारण करना होता है. गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के लिए पांच चीजें अनिवार्य की थीं- ‘केश’, ‘कड़ा’, ‘कृपाण’, ‘कंघा’ और ‘कच्छा’. इनके बिना खालसा वेश पूर्ण नहीं माना जाता.
गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती के दिन गुरुद्वारों में कीर्तन होता है. सुबह प्रभातफेरी निकाली जाती है. लंगर का आयोजन किया जाता है. गुरुद्वारों में सेवा की जाती है. गुरुद्वारों के आस-पास खालसा पंथ की झांकियां निकाली जाती हैं. कई लोग घरों में कीर्तन भी करवाते हैं.
गुरु गोबिंद सिंह का उदाहरण और शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं.
1. “इंसान से प्रेम करना ही, ईश्वर की सच्ची आस्था और भक्ति है.”
2. “मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं.”
3. “अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है, वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है.”
4. “भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं.”
5. “ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें.”