Greater Noida West Metro Update ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो न्यूज़

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बढ़ेगी या अटकेगी ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो?

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ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर 2 खबरें हैं एक पॉजिटिव है और दूसरी थोड़ी आशंका पैदा करती है.

आशंका पैदा करने वाली बात ये है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं टले तो 10 जनवरी तक मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट लागू हो जाने की उम्मीद है. और अगर आदर्श आचार संहिता लागू होने तक ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो लाइन को केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं मिली तो इस मेट्रो प्रोजेक्ट का काम लंबे वक्त के लिए लटक सकता है.

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हालांकि अच्छी बात ये है कि इस प्रोजेक्ट का ठेका हासिल करने की दौड़ में शामिल कंपनियों की फाइनेंशियल बिड खोली जा चुकी है. यानी ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो का काम शुरू करने के जरूरी प्रकिया एक बार फिर से आगे बढ़ी है.

नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन यानी एनएमआरसी ने टेंडर प्रकिया के तहत फाइनेन्शियल बिड खोल दी है। इसमें जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी सबसे कम लागत पर काम करने के लिए सामने आई है। ये कंपनी इस प्रोजेक्ट के पहले फेज़ का काम लगभग 593 करोड़ रुपए में पूरा करना चाहती है.

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पहले फेज़ में सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-2 तक मेट्रो जानी है। इस हिस्से में 5 एलिवेटेड स्टेशन बनाए जाएंगे। स्टेशनों में सेक्टर-122, सेक्टर-123, सेक्टर-4, सेक्टर-12 इकोटेक और सेक्टर-2 शामिल हैं। ये हिस्सा करीब सवा नौ किलोमीटर लम्बा होगा। इस हिस्से में काम के लिए 593 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कंपनी को ये काम दो साल में पूरा करना होगा।


ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो की प्लानिंग तो लंबे समय से हो रही है लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है. एनएमआरसी के अधिकारियों ने बताया है कि प्रोजेक्ट की टेंडर प्रोसेस के लिए 30 जून 2021 तक आवेदन मांगे गए थे। इसके बाद अगस्त 2021 में टेंडर की टेक्निकल बिड खोल दी गई थी, लेकिन इसके बाद इसमें कोई प्रोग्रेस नहीं हुई.

मामला दरअसल ये है कि अगस्त में ही इस लाइन की मंजूरी के लिए यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को लेटर भेज दिया था, लेकिन अभी तक केंद्र से मंजूरी नहीं मिल सकी है। एनएमआरसी के अफसरों ने बताया कि फाइनेंशियल बिड में जो कंपनी सबसे कम लागत पर काम करने को राजी है उसके डॉक्युमेंट्स की जांच की जाएगी। हालांकि इसमें पेंच यही है कि अगर ये मंजूरी चुनाव आचार संहिता लगने से पहले मिल जाए तो वो प्रोजेक्ट के लिए अच्छी बात होगी.


ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले चरण में सवा 9 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। इस पर 5 स्टेशन बनाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट पर उत्तर प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार, नोएडा ऑथॉरिटी और ग्रेटर नोएडा ऑथॉरिटी मिलकर लगभग 1,100 करोड रुपए खर्च करेंगे। इसमें सिविल वर्क पर लगभग 500 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट और उसके आसपास रहने वाले लोगों को पिछले लगभग दस साल से इस प्रोजेक्ट का इंतज़ार है. लेकिन अभी भी इसका काम शुरू नहीं हो पाया है.

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