योगी आदित्यनाथ से मुलाकातों के बाद भी अक्षय कुमार को क्यों नहीं मिली यूपी की फिल्म सिटी?
योगी आदित्यनाथ से मुलाकातों के बाद भी अक्षय कुमार को क्यों नहीं मिली यूपी की फिल्म सिटी?
दोस्तों नमस्कार पिछले वीडियो में हमने आपको बताया था कि उत्तर प्रदेश में बनने वाली फिल्म सिटी के प्रोजेक्ट का ठेका बोनी कपूर की कंपनी को दे दिया गया है. बोनी कपूर ने योगी आदित्यनाथ का ये ड्रीम प्रोजेक्ट सिनेमा जगत के कई बड़े नामों को पछाड़ कर हासिल किया है.
इस प्रोजेक्ट को पाने की होड़ में भूषण कुमार की टी सीरीज़ तो शामिल थी ही साथ ही अक्षय कुमार की कंपनी सुपरसोनिक टेक्नोबिल्ड प्रा. लि. भी इस प्रोजेक्ट को हासिल करना चाहती थी. लेकिन उत्तर प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर का इतना बड़ा प्रोजेक्ट आखिरकार मिला बोनी कपूर को. ऐसे में सवाल आता है कि आखिर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नज़दीकी रखने वाले, उनसे मेल जोल रखने वाले अक्षय कुमार की कंपनी इस प्रोजेक्ट की दौड़ में पीछे कैसे रह गई.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म सिटी प्रोजेक्ट के पहले फेज़ की जिम्मेदारी बोनी कपूर की कंपनी को सौंपी गई है. ग्रेटर नोएडा की ये फिल्म सिटी कुल एक हज़ार एकड़ ज़मीन पर बननी है. फिल्म सिटी के 10 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का काम यमुना ऑथॉरिटी के सेक्टर-21 में प्रस्तावित है। पहले फेज में 230 एकड़ ज़मीन पर फिल्म सिटी का हिस्सा डेवेलप होना है.
इस फेज़ के लिए चार कंपनियों ने आवेदन दिया था. इनमें से एक कंपनी सुपरसोनिक टेक्नोबिल्ड प्रा. लि. अक्षय कुमार की थी। 27 जनवरी को यूपी के औद्योगिक विकास आयुक्त यानी इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट कमिश्नर मनोज सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इन कंपनियों ने फिल्म सिटी परियोजना को डेवेलप करने के बारे में अपना-अपना प्रेज़ेंटेशन दिया था.
प्रेजेंटेशन में कंपनियों ने फिल्म सिटी परियोजना को विकसित किए जाने के संबंध में अपने विजन, कॉन्सेप्ट, टाइमलाइन, और हाइलाइट्स को बताया था. चारों कंपनीज को टेक्निकली क्वालीफाइड पाया गया और फाइनेंशियल बिड के लिए भेज दिया गया था.
यीडा यानी यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट ऑथॉरिटी के सीईओ डा. अरूणवीर सिंह ने मीडिया को बताया कि फिल्म सिटी के लिए बॉलीवुड के कई बड़े फिल्ममेकर्स ने अपना दावा पेश किया था, जिसमें मैसर्स बे व्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी की तरफ से बोनी कपूर, भूटानी इंफ्रा के सीईओ आशीष भूटानी, अश्विनी चैटले, अली चैटले, राजीव अरोड़ा, और अरविंद कुमार बिन्नी ने प्रेज़ेंटेशन दिया था.
यमुना ऑथॉरिटी के सीईओ डा. अरूणवीर सिंह ने बताया कि प्रेज़ेंटेशन के बाद फाइनेंशियल बिड खोली गई और बोनी कपूर और भूटानी ग्रुप ने फिल्म सिटी प्रोजेक्ट हासिल किया है और अब इनके द्वारा ही फिल्म सिटी का निर्माण किया जाएगा।
फिल्म सिटी की रेस में बोनी कपूर और अक्षय कुमार की कंपनियों के अलावा टी-सीरीज की सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और केसी बोकाडिया की 4 लायंस फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शामिल थी।
ग्रेटर नोएडा फिल्म सिटी के लिए मंगलवार को फाइनेंशियल बिड खोली गई, जिसमें बोनी कपूर और भूटानी ग्रुप के ज्वाइंट वेंचर बे व्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी ने हाईएस्ट बिड देकर प्रोजेक्ट हासिल कर लिया। फाइनेंशियल बिड में कंपनियों द्वारा ग्रॉस रेवेन्यू शेयर पर्सेंटेज के आधार पर बोली लगाई गई।
बे व्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी की ओर से 18 परसेंट ग्रॉस रेवेन्यू शेयर के साथ बोली लगाई थी।
वहीं फ़ोर लायंस फिल्म्स प्रा. लि. ने 15.12%,
अक्षय कुमार की सुपरसोनिक टेक्नोबिल्ड प्रा. लि. ने 10.80%
और
सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज प्रा. लि. ने 5.27% पर बोली लगाई।
यानी बोनी कपूर और भूटानी ग्रुप के जॉइंट वेंचर ने यमुना ऑथॉरिटी को सबसे ज्यादा रेवेन्यू ऑफर किया और इसी वजह से ये कॉन्ट्रैक्ट उन्हें मिल गया.
यीडा के सीईओ अरुणवीर सिंह के अनुसार रेवेन्यू शेयर का मतलब ये है कि फिल्म सिटी का निर्माण करने के बाद कंपनी को जो भी इन्कम होगी, उसका 18 प्रतिशत वो कंपनी ऑथॉरिटी को देगी।
ऑथॉरिटी की ओर से बेव्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी को लैंड के अलावा अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराया जाएगा, जबकि फिल्म सिटी के अंदर सभी कंस्ट्रक्शन और सुविधाओं का विकास कंपनी को खुद करना होगा।
बेव्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी द्वारा दो अन्य फर्म के साथ कंसोर्टियम करते हुए निविदा प्रस्तुत की गई है। कंसोर्टियम में बेव्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी का 48% शेयर है और उसका रोल ऑपरेशनल और मेंटिनेंस का है।
वहीं परमेश कंस्ट्रक्शन कंपनी लि का 26% शेयर है और उसका रोल फाइनेंशियल होगा। इस कंपनी के ओनर प्रेम भूटानी और आशीष भूटानी हैं। इसी तरह शेष 26% शेयर नोएडा साइबरपार्क प्रा. लि. का है, जिसका रोल टेक्निकल सपोर्ट का है।
फिल्म सिटी के पहले फेज़ को डेवेलप करने में अनुमानित लागत 1510 करोड़ रुपये है। हालांकि एक हजार एकड़ में विकसित होने वाली फिल्म सिटी की कुल लागत 10 हजार करोड़ रुपये होगी। फिल्म सिटी को डेवेलप करने वाली कंपनी को 90 साल का लाइसेंस दिया जाएगा।
पिछले वीडियो में हमने आपको ये भी बताया था कि ये… फिल्म सिटी के लिए निकाला गया तीसरा टेंडर था. इससे पहले दो बार टेंडर निकाले जा चुके थे लेकिन वो फेल हो गये थे. पिछली दोनों बार उम्मीद के मुताबिक आवेदक कंपनी नहीं आई थीं इसलिए इस बार शर्तों में बदलाव करना पड़ा. तब जाकर टेंडर सक्सेसफुल हुआ.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के लिये यूपी की फिल्म सिटी बेहद महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है इसलिए इसमें ज़रा सी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने साफ कहा है कि अगर काम में देरी हुई तो चुनी गई कंपनी पर रोजाना 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा.
ये प्रोजेक्ट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यीडा एरिया की यमुना सिटी जेवर एयरपोर्ट और इंटरनैशनल फिल्म सिटी की वजह से ही निवेश के मामले में पूरे उत्तर प्रदेश में नंबर वन पर पहुंच गई है। इसी वजह से इसे औद्योगिक नगरी भी कहा जाता है। यीडा के एरिया में ही जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अलावा देश की सबसे बड़ी फिल्म सिटी बनने जा रही है।
खास बात ये है कि फिल्म सिटी का पहला फेज़ डेवेलप करने वाली कंपनी को आगे के फेज में भी प्रायोरिटी दी जाएगी. यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार जो कंपनी पहले चरण में फिल्म सिटी बनाएगी उसे दूसरे चरण में भी प्राथिमकता दी जाएगी।