Drishyam 2 Hindi Review Drishyam 2 Review दृश्यम 2 रिव्यू अजय देवगन की ‘चाल’ और अक्षय खन्ना के पिचके गाल
Drishyam 2 Hindi Review Drishyam 2 Review दृश्यम 2 रिव्यू अजय देवगन की ‘चाल’ और अक्षय खन्ना के पिचके गाल

अजय देवगन की चाल-ढाल और सफ़ेद कपड़ों में उनकी पर्सनैलिटी मुझे वन्स अपॉन अ टाइम इन मुम्बई में ख़ूब पसंद आई थी.
सुल्तान मिर्ज़ा के रोल में उनकी पर्फॉर्मेन्स अभी तक दिमाग में बैठी हुई है.
अब दृश्यम-2 में भी उनकी चाल का कोई जवाब नहीं है. एक चाल उनकी बॉडी की है और एक चाल उनके दिमाग़ की है. दोनों ही लाजवाब हैं.
अजय देवगन के शरीर की जो चाल है वो दृश्यम-2 का सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट है… सबसे इम्पॉर्टेन्ट सीन है. ऐसा क्यों है… ये तो आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा.
और रही बात उनके दिमाग़ की चाल की तो वो फिल्म के क्लाइमेक्स की जान है.
कहानी के बारे में क्या कहें वो तो पहले से ही बन चुकी मलयालम फिल्म से ली गई है.
एक्टिंग में अजय देवगन के बाद सौरभ शुक्ला, श्रेया सरन, और रजत कपूर का काम मुझे अच्छा लगा. बाकी सभी कलाकारों का काम ठीक-ठाक है.
सब इंस्पेक्टर गायतोंडे के किरदार में कमलेश सांवत दिमाग में दर्ज हो जाते
हैं.
लेकिन फिल्म का म्यूज़िक और गाना फिल्म देखने के साथ ही दिमाग से निकल जाते हैं.
फिल्म में ज्यादातर चीज़ें ठीक हैं. जो ख़राब है वो है अक्षय खन्ना का लुक.
अक्षय खन्ना को एक अच्छा एक्टर माना जाता है लेकिन दृश्यम-2 में उनके हद से ज्यादा पिचके हुए गाल
और
सिर के उड़े हुए बाल उन्हें एक रौबदार आईजी के रूप में बिल्कुल भी पेश नहीं कर पाते.
अच्छा अभिनेता होने के लिए सुन्दर दिखना बिल्कुल भी ज़रूरी नहीं है लेकिन अगर एक्टर का लुक उसके रोल से मैच न करे तो पर्दे पर किरदार प्रभावशाली नहीं दिखता.
एक लाइन में अगर कहें तो पुलिसिया अहंकार और इलीटिज़्म के मान-मर्दन की कहानी है
दृश्यम-2.
अगर आप चाहते हैं कि मैं आपके लिए कुछ देखने लायक फिल्में सजेस्ट करूं तो कॉमेंट बॉक्स में येस ज़रूर लिखें.
नमस्कार.