B R Ambedkar बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की कही 20 बड़ी बातें
B R Ambedkar बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की कही 20 बड़ी बातें.
B R Ambedkar यानी बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की कही 20 बड़ी बातें.
B R Ambedkar का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू में हुआ था. बाबा साहब अम्बेडकर आज़ाद भारत के पहले कानून मंत्री थे. उन्होंने भारत में दलितों के साथ भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया था. उनका निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ.
1.
For a successful revolution, it is not enough that there is discontent. What is required is a profound and thorough conviction of the justice, necessity, and importance of political and social rights.
सिर्फ़ असंतोष से ही कोई क्रांति सफल नहीं होती. इसके लिए इंसाफ़, सियासी और सामाजिक अधिकारों की ज़रूरत और महत्व में गहरी आस्था ज़रूरी है.
B R Ambedkar
2.
A great man is different from an eminent one in that he is ready to be the servant of the society.
महान व्यक्ति और नामी व्यक्ति में फर्क ये है कि महान आदमी समाज का नौकर बनने को तैयार होता है.
B R Ambedkar
3.
People and their religion must be judged by social standards based on social ethics. No other standard would have any meaning if religion is held to be necessarily good for the well-being of the people.
धर्म और लोगों की परख सामाजिक नैतिकता पर आधारित सामाजिक मानकों के आधार पर होनी चाहिए. अगर धर्म को लोगों के कल्याण के लिए ज़रूरी माना जाता है तो किसी भी मानक का कोई अर्थ नहीं है.
B R Ambedkar
4.
Cultivation of mind should be the ultimate aim of human existence.
मनुष्य के अस्तित्व का आखिरी उद्देश्य होना चाहिए दिमाग का विकास.
B R Ambedkar
5.
Every man who repeats the dogma of Mill that one country is no fit to rule another country must admit that one class is not fit to rule another class.
जो मिल के इस सिद्धांत को मानता है कि एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता
उसे ये भी मानना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता.
B R Ambedkar
6.
History shows that where ethics and economics come into conflict, victory is always with economics. Vested interests have never been known to have willingly divested themselves unless there was sufficient force to compel them.
जहां अर्थशास्त्र और नैतिकता में टकराव होता है, इतिहास गवाह है वहां अर्थशास्त्र की जीत होती है. निहित स्वार्थ तब तक खुद नहीं छोड़े जाते हैं जब तक उन्हें बाध्य करने के लिए ज़रूरी ताकत का इस्तेमाल न किया गया हो.
B R Ambedkar
7.
I like the religion that teaches liberty, equality, and fraternity.
मुझे वो धर्म पसंद है जो आज़ादी, बराबरी और भाईचारे की शिक्षा दे.
B R Ambedkar
8.
I measure the progress of a community by the degree of progress which women have achieved.
किसी समुदाय की तरक्की को मैं उस तरक्की से मापता हूं जो उस समुदाय की महिलाओं ने हासिल की है.
B R Ambedkar
9.
In Hinduism, conscience, reason and independent thinking have no scope for development.
ज़मीर, तर्क और आज़ाद सोच के लिए हिंदू धर्म में कोई जगह नहीं है.
B R Ambedkar
10.
Indians today are governed by two different ideologies. Their political ideal set in the preamble of the Constitution affirms a life of liberty, equality, and fraternity. Their social ideal embodied in their religion denies them.
भारत के लोग 2 अलग आइडियोलॉजी के हिसाब से चलाए जाते हैं. संविधान की प्रस्तावना में जो सियासी आदर्श मौजूद हैं वो आज़ादी, बराबरी और भाईचारे की बात करते हैं. दूसरी ओर भारतीयों के धर्म में दिए गए सामाजिक आदर्श इनसे इनकार करते हैं.
B R Ambedkar
11.
Life should be great rather than long.
ज़िंदगी लंबी होने के बदले महान होनी चाहिए.
B R Ambedkar
12.
Men are mortal. So are ideas. An idea needs propagation as much as a plant needs watering. Otherwise, both will wither and die.
विचारों की तरह इन्सान भी नश्वर हैं. किसी आयडिया को उसी तरह फैलाए जाने की ज़रूरत होती है जैसे एक पौधे को पानी की ज़रूरत होती है वरना दोनों ही मर जाते हैं.
B R Ambedkar
13.
Political tyranny is nothing compared to the social tyranny and a reformer who defies society is a more courageous man than a politician who defies Government.
सियासी ज़ुल्म सामाजिक ज़ुल्म के मुकाबले कुछ नहीं है. समाज को खारिज करने वाला एक सुधारक सरकार को खारिज करने वाले एक नेता से ज्यादा बहादुर है.
B R Ambedkar
14.
So long as you do not achieve social liberty, whatever freedom is provided by the law is of no avail to you.
कानून के द्वारा दी गई स्वतंत्रता से आपका कोई फायदा नहीं होने वाला अगर आप
सामाजिक तौर पर स्वतंत्र नहीं हो.
B R Ambedkar
15.
The relationship between husband and wife should be one of closest friends.
पति और पत्नी का सम्बन्ध पक्के दोस्तों के जैसा होना चाहिए.
B R Ambedkar
16.
The sovereignty of scriptures of all religions must come to an end if we want to have a united integrated modern India.
अगर हम एक ऐसा भारत चाहते हैं जो संयुक्त हो, एकीकृत हो और आधुनिक हो तो हर
धर्म के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए.
B R Ambedkar
17.
Unlike a drop of water which loses its identity when it joins the ocean, man does not lose his being in the society in which he lives. Man’s life is independent. He is born not for the development of the society alone, but for the development of his self.
इंसान जिस समाज में रहता है उस समाज में उसकी पहचान नहीं खोती. जबकि पानी की एक बूंद सागर में मिलने पर अपनी पहचान खो देती है. मनुष्य का जीवन आज़ाद है. मनुष्य सिर्फ समाज की बेहतरी के लिए पैदा नहीं हुआ बल्कि खुद की तरक्की के लिए पैदा हुआ है.
B R Ambedkar
18.
We are Indians, firstly and lastly.
हम भारतीय हैं. पहले और आखिर में.
B R Ambedkar
19.
What are we having this liberty for? We are having this liberty in order to reform our social system, which is full of inequality, discrimination, and other things, which conflict with our fundamental rights.
हमारी ये आज़ादी किसलिए है? हमारे पास ये आज़ादी इसलिए है ताकि हम अपने उस
सामाजिक ढांचे को सुधार सकें जो असमानता और भेदभाव जैसी बाकी चीज़ों से भरा हुआ है. ये बुराइयां हमारे मौलिक अधिकारों के साथ टकराव में हैं.
B R Ambedkar
20.
Religion and slavery are incompatible.
धर्म और गुलामी असंगत हैं.
B R Ambedkar