चन्नी ने PM को फंसाया था, कांग्रेस MP का बड़ा खुलासा

चन्नी ने PM को फंसाया था, कांग्रेस MP का बड़ा खुलासा

2022 में पंजाब में कांग्रेस सरकार के रहते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक पर बड़ा खुलासा हुआ है.

पता चला है कि फिरोजपुर में प्रधानमंत्री के काफिले को रोकने के लिए 15-20 लोगों को किसी और ने नहीं बल्कि ख़ुद पंजाब के उस समय के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भेजा था.

ये खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि ख़ुद कांग्रेस के ही एक सांसद ने किया है.

ये सांसद भी कोई ऐसा वैसा नहीं बल्कि वो सांसद है जिसने लगातार पिछले तीन लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीते हैं.

यहां तक कि 2014 और 2019 की मोदी लहर में भी इस नेता ने पंजाब में कांग्रेस को चुनावी जीत दिलाने में योगदान दिया है.

रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं और 2009 में पंजाब की आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट, 2014 में लुधियाना सीट, और 2019 में लुधियाना सीट से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं.

दोस्तो आपको याद होगा कि 2022 में जब चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री थे तो 5 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए पंजाब के दौरे पर गए थे.

उसी दौरान जब पीएम फिरोजपुर में एक पब्लिक मीटिंग करने जा रहे थे तो कुछ
लोगों ने सड़क जाम कर दी थी. इसी वजह से पीएम मोदी फिरोजपुर के प्यारेआणा गांव के पास 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे थे.

जब काफी देर तक रास्ता नहीं खोला गया था तो प्रधानमंत्री को वापस लौटना पड़ा था. लौटते वक्त बठिंडा एयरपोर्ट पर पीएम ने पंजाब के अफसरों से कहा था कि अपने सीएम को धन्यवाद कहना कि वो जिंदा लौट पाये.

इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में पंजाब सरकार से रिपोर्ट भी मांगी थी. ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी गया था. तब पंजाब के कांग्रेसी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जान को कोई ख़तरा नहीं था.

लेकिन अब कांग्रेस के ही एक सांसद ने चरणजीत सिंह चन्नी की सारी पोल खोल दी है. एक मीडिया हाउस से बात करते हुए लुधियाना से कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि पांच फरवरी 2022 को फिरोजपुर के प्यारेआणा गांव के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफिला रुकवाना पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी की शरारत थी.

चन्नी के ही इशारे पर 15 से 20 लोगों का काफिला सड़क पर धरना देने पहुंचा था और वहां से पीएम मोदी का काफिला वापिस घुमाना पड़ा था.

बिट्टू ने ये भी कहा कि उस दिन अगर पीएम को नहीं रोका जाता तो हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेशों की तरह पंजाब को बॉर्डर स्टेट होने के नाते इंडस्ट्री में छूट मिलने वाली थी.

पीएम मंडी गोबिंदगढ़ को इंडिया का स्टील हब बनाना चाहते थे. मोहाली में आईटी हब बनना था लेकिन चन्नी की वजह से पंजाब का नुकसान हो गया.

बिट्टू ने कहा कि उस समय बारिश का मौसम होने के चलते पी.एम. मोदी हेलिकॉप्टर छोड़ कर सडक़ के रास्ते फिरोजपुर जा रहे थे. उस समय पीएम को कई नए प्रोजेक्ट्स का ऐलान करना था.

बिट्टू के मुताबिक 2022 में कांग्रेस को डर था कि अगर मोदी पंजाब में कोई बड़ी घोषणा कर जाते तो इसका चुनावी फायदा बीजेपी को मिल जाता. इसी वजह से चन्नी ने जानबूझकर पीएम का काफिला रुकवाया था.

दोस्तो चन्नी और कांग्रेस की असलियत बताने वाले रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब में एक जाना पहचाना नाम हैं. उनके दादा स्वर्गीय बेअंत सिंह राज्य के पूर्व सीएम रहे हैं जिनकी खालिस्तानियों ने बम से उड़ा कर हत्या कर दी थी।

बेअंत सिंह साल 1992 से 1995 तक मुख्यमंत्री रहे थे। 31 अगस्त 1995 को खालिस्तानी आतंकियों ने उनकी कार को बम से उड़ा कर हत्या कर दी थी. ये विस्फोट चंड़ीगढ़ में सचिवालय परिसर में हुआ था जिसमें बेअंत सिंह और तीन कमांडो सहित 17 लोगों की जान चली गई थी.

बेअंत सिंह के परिवार से आने की वजह से रवनीत सिंह बिट्टू आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते रहे हैं. रवनीत सिंह बिट्टू को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।

रवनीत सिंह बिट्टू ने साल 2009 में पंजाब युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में नशीली दवाओं की लत के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था.

साल 2011 में वो राज्य में ड्रग रोकथाम बोर्ड की स्थापना के लिए भूख हड़ताल पर भी बैठै थे. रवनीत सिंह बिट्टू दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन में सबसे आगे रहे हैं और राजधानी दिल्ली के बाहरी इलाके सिंघू बॉर्डर पर एक प्रदर्शन के दौरान उन पर हमला भी हुआ था.

पिछले तीन लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीत चुके रवनीत सिंह बिट्टू… 2024 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर लुधियाना से लड़ने जा रहे हैं. 

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