राम’ भरोसे भाजपा, मेरठ करेगा कृपा?

राम’ भरोसे भाजपा, मेरठ करेगा कृपा?

2019 में मेरठ लोकसभा सीट हारते-हारते बची बीजेपी… 2024 के लोकसभा चुनाव में राम भरोसे हैं. मेरठ लोकसभा क्षेत्र से तीन बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट बीजेपी ने 2024 में इसलिए काटा है क्योंकि पिछली बार ये सीट हारने की नौबत आ चुकी थी.

इस बार यहाँ से बीजेपी के प्रत्याशी अरुण गोविल हैं जिन्हें लोग रामायण के राम के नाम से जानते हैं.

2009, 2014, और 2019 में मेरठ से लोकसभा चुनाव जीतने वाले राजेंद्र अग्रवाल पिछला चुनाव केवल पौने पाँच हज़ार वोटों से बड़ी मुश्किल से जीत पाए थे. 2019 में बीएसपी के कैंडिडेट हाजी याकूब… बीजेपी के कैंडिडेट राजेंद्र अग्रवाल से थोड़ा ही पीछे रह गये थे.

अगर इस बार भी उन्हें टिकट दिया जाता तो मेरठ से बीजेपी के हारने की पूरी पूरी आशंका थी.

हालांकि 2014 में राजेंद्र अग्रवाल अच्छे मार्जिन से चुनाव जीते थे. 2014 की मोदी लहर में अग्रवाल ने बीएसपी के मोहम्मद शाहिद को सवा दो लाख वोटों से करारी शिकस्त दी थी लेकिन 2019 में उनकी जीत का अंतर काफी कम रह गया था.

इसी को देखते हुए बीजेपी ने मेरठ से साफ सुथरी इमेज वाले उस व्यक्ति को टिकट दिया जिन्हें पूरा देश भगवान राम के रूप में ही देखता है.

अगर विधानसभा चुनाव के लिहाज़ से भी देखें तो मेरठ में बीजेपी की स्थिति कोई बहुत ज़्यादा मज़बूत नहीं दिखाई देती.

मेरठ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पाँच विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें हापुड़ का भी कुछ हिस्सा आता है. पाँच सीटों में मेरठ शहर, मेरठ दक्षिण, किठौर, मेरठ कैंट और हापुड़ की सीटें शामिल हैं.

2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इन पाँच सीटों में से दो सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती थीं जबकि बीजेपी ने तीन सीटें जीती थीं.

बीजेपी के पास मेरठ कैंट, मेरठ दक्षिण, और हापुड़ की सीटें हैं. जबकि सपा के पास किठौर और मेरठ शहर की सीटें हैं. मेरठ लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम आबादी भी करीब 35 प्रतिशत है. यही वजह है कि सपा के दोनो विधायक मुस्लिम हैं.

यानी मेरठ में समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव के लिहाज से बीजेपी से बहुत ज्यादा पीछे नहीं है और बीएसपी लोकसभा चुनाव के लिहाज़ से बीजेपी से बहुत ज्यादा पीछे नहीं है.

इसी को देखते हुए बीजेपी को लोकसभा चुनाव में एक ऐसे स्थानीय चेहरे की ज़रूरत थी जो बीजेपी की चुनावी नय्या पार लगा सके.

बीजेपी के उम्मीद वार अरुण गोविल ने भले ही ज्यादातर काम मुम्बई में किया हो लेकिन उनका जन्म मेरठ में ही हुआ था. अरुण गोविल मेरठ में ही पले बढ़े हैं और उनकी पढ़ाई भी मेरठ में ही हुई है.

रामानंद सागर के सीरियल रामायण में ‘श्रीराम’ का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल का जन्म1958 में 12 जनवरी को मेरठ कैंट में हुआ था. अरुण गोविल वैश्य समाज से आते हैं. अरुण गोविल 66 बरस की उम्र में अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर रहे हैं.

लोकसभा चुनाव में मेरठ सीट और यहाँ पर जीत बीजेपी के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में आए हैं तब से वो यूपी में हर लोकसभा चुनाव का प्रचार अभियान मेरठ से ही शुरू करते हैं.

उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव का प्रचार भी प्रधानमंत्री ने मेरठ से ही शुरु किया है. इससे पहले 2014 और 2019 में भी नरेंद्र मोदी ऐसा ही कर चुके हैं.

लोकसभा चुनाव 2014 के चुनावी अभियान का आगाज नरेंद्र मोदी ने 2 फरवरी 2014 को मेरठ से किया था. बीजेपी उस चुनाव में यूपी में 71 सीटों पर जीती थी जबकि एनडीए को यूपी में 80 में से 73 सीटों पर जीत मिली थी.

इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ से ही चुनावी अभियान का आगाज किया था. 4 फरवरी 2017 को मेरठ में पीएम मोदी की रैली हुई थी. उस चुनाव में भी भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था.

इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मार्च 2019 को मेरठ से लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान का आगाज किया. तब बीजेपी 62 सीटों पर जीत दर्ज कर पाने में सफल हुई. वहीं एनडीए को 80 में से 64 सीटों पर जीत मिली.

इसके बाद यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में चुनावी अभियान का आगाज एक बार फिर प्रधानमंत्री ने मेरठ से किया. उनकी पहली चुनावी रैली 4 फरवरी 2022 को हुई. उस विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने यूपी में सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की.

मेरठ वो सीट है जहां पिछले 8 लोकसभा चुनावों में 6 बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है. साल 2019 में सपा, बसपा और रालोद एक साथ मिलकर चुनाव लड़ी थीं जबकि इस बार समाजवादी पार्टी… कांग्रेस के साथ गठबंधन में है.

बीएसपी इस बार अकेले दम पर चुनाव लड़ रही है. जबकि जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल इस बार एनडीए का हिस्सा है और बीजेपी के हाथ मज़बूत कर रही है.

अब 4 जून को आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजे बताएंगे कि टीवी के राम अरुण गोविल के भरोसे चुनाव लड़ रही बीजेपी पर मेरठ अपनी कृपा बरसाएगा या नहीं.

आपको क्या लगता है अपनी राय कॉमेंट में ज़रूर लिखें. नमस्कार.

2019 में मेरठ लोकसभा सीट हारते-हारते बची बीजेपी… 2024 के लोकसभा चुनाव में राम भरोसे हैं. मेरठ लोकसभा क्षेत्र से तीन बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट बीजेपी ने 2024 में इसलिए काटा है क्योंकि पिछली बार ये सीट हारने की नौबत आ चुकी थी.

इस बार यहाँ से बीजेपी के प्रत्याशी अरुण गोविल हैं जिन्हें लोग रामायण के राम के नाम से जानते हैं.

2009, 2014, और 2019 में मेरठ से लोकसभा चुनाव जीतने वाले राजेंद्र अग्रवाल पिछला चुनाव केवल पौने पाँच हज़ार वोटों से बड़ी मुश्किल से जीत पाए थे. 2019 में बीएसपी के कैंडिडेट हाजी याकूब… बीजेपी के कैंडिडेट राजेंद्र अग्रवाल से थोड़ा ही पीछे रह गये थे.

अगर इस बार भी उन्हें टिकट दिया जाता तो मेरठ से बीजेपी के हारने की पूरी पूरी आशंका थी.

हालांकि 2014 में राजेंद्र अग्रवाल अच्छे मार्जिन से चुनाव जीते थे. 2014 की मोदी लहर में अग्रवाल ने बीएसपी के मोहम्मद शाहिद को सवा दो लाख वोटों से करारी शिकस्त दी थी लेकिन 2019 में उनकी जीत का अंतर काफी कम रह गया था.

इसी को देखते हुए बीजेपी ने मेरठ से साफ सुथरी इमेज वाले उस व्यक्ति को टिकट दिया जिन्हें पूरा देश भगवान राम के रूप में ही देखता है.

अगर विधानसभा चुनाव के लिहाज़ से भी देखें तो मेरठ में बीजेपी की स्थिति कोई बहुत ज़्यादा मज़बूत नहीं दिखाई देती.

मेरठ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पाँच विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें हापुड़ का भी कुछ हिस्सा आता है. पाँच सीटों में मेरठ शहर, मेरठ दक्षिण, किठौर, मेरठ कैंट और हापुड़ की सीटें शामिल हैं.

2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इन पाँच सीटों में से दो सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती थीं जबकि बीजेपी ने तीन सीटें जीती थीं.

बीजेपी के पास मेरठ कैंट, मेरठ दक्षिण, और हापुड़ की सीटें हैं. जबकि सपा के पास किठौर और मेरठ शहर की सीटें हैं. मेरठ लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम आबादी भी करीब 35 प्रतिशत है. यही वजह है कि सपा के दोनो विधायक मुस्लिम हैं.

यानी मेरठ में समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव के लिहाज से बीजेपी से बहुत ज्यादा पीछे नहीं है और बीएसपी लोकसभा चुनाव के लिहाज़ से बीजेपी से बहुत ज्यादा पीछे नहीं है.

इसी को देखते हुए बीजेपी को लोकसभा चुनाव में एक ऐसे स्थानीय चेहरे की ज़रूरत थी जो बीजेपी की चुनावी नय्या पार लगा सके.

बीजेपी के उम्मीद वार अरुण गोविल ने भले ही ज्यादातर काम मुम्बई में किया हो लेकिन उनका जन्म मेरठ में ही हुआ था. अरुण गोविल मेरठ में ही पले बढ़े हैं और उनकी पढ़ाई भी मेरठ में ही हुई है.

रामानंद सागर के सीरियल रामायण में ‘श्रीराम’ का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल का जन्म1958 में 12 जनवरी को मेरठ कैंट में हुआ था. अरुण गोविल वैश्य समाज से आते हैं. अरुण गोविल 66 बरस की उम्र में अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर रहे हैं.

लोकसभा चुनाव में मेरठ सीट और यहाँ पर जीत बीजेपी के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में आए हैं तब से वो यूपी में हर लोकसभा चुनाव का प्रचार अभियान मेरठ से ही शुरू करते हैं.

उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव का प्रचार भी प्रधानमंत्री ने मेरठ से ही शुरु किया है. इससे पहले 2014 और 2019 में भी नरेंद्र मोदी ऐसा ही कर चुके हैं.

लोकसभा चुनाव 2014 के चुनावी अभियान का आगाज नरेंद्र मोदी ने 2 फरवरी 2014 को मेरठ से किया था. बीजेपी उस चुनाव में यूपी में 71 सीटों पर जीती थी जबकि एनडीए को यूपी में 80 में से 73 सीटों पर जीत मिली थी.

इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ से ही चुनावी अभियान का आगाज किया था. 4 फरवरी 2017 को मेरठ में पीएम मोदी की रैली हुई थी. उस चुनाव में भी भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था.

इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मार्च 2019 को मेरठ से लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान का आगाज किया. तब बीजेपी 62 सीटों पर जीत दर्ज कर पाने में सफल हुई. वहीं एनडीए को 80 में से 64 सीटों पर जीत मिली.

इसके बाद यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में चुनावी अभियान का आगाज एक बार फिर प्रधानमंत्री ने मेरठ से किया. उनकी पहली चुनावी रैली 4 फरवरी 2022 को हुई. उस विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने यूपी में सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की.

मेरठ वो सीट है जहां पिछले 8 लोकसभा चुनावों में 6 बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है. साल 2019 में सपा, बसपा और रालोद एक साथ मिलकर चुनाव लड़ी थीं जबकि इस बार समाजवादी पार्टी… कांग्रेस के साथ गठबंधन में है.

बीएसपी इस बार अकेले दम पर चुनाव लड़ रही है. जबकि जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल इस बार एनडीए का हिस्सा है और बीजेपी के हाथ मज़बूत कर रही है.

अब 4 जून को आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजे बताएंगे कि टीवी के राम अरुण गोविल के भरोसे चुनाव लड़ रही बीजेपी पर मेरठ अपनी कृपा बरसाएगा या नहीं.

आपको क्या लगता है अपनी राय कॉमेंट में ज़रूर लिखें. नमस्कार.

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