मौर्य हमारे स्टार प्रचारक’, ‘बेटी’ के मुकाबले ‘चाचा’
‘मौर्य हमारे स्टार प्रचारक’, ‘बेटी’ के मुकाबले ‘चाचा’
2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में एक बात कही थी जो काफी पॉपुलर हुई थी. उन्होंने कहा था… ना खाउंगा ना खाने दूंगा.
ये बात उन्होंने भ्रष्टाचार के विरोध में कही थी. उन्होंने दावा किया था कि ना वो भ्रष्टाचार करेंगे और ना करने देंगे.
लेकिन आज के संदर्भ में… ना खाउंगा ना खाने दूंगा का डायलॉग स्वामी प्रसाद मौर्य पर कुछ अलग अर्थों में एकदम फिट बैठता है.
बल्कि यूं कहें कि… ना खेलूंगा… ना खेलने दूंगा वाली बात स्वामी प्रसाद मौर्य पर ज्यादा फिट बैठती है. वो इसलिए क्योंकि ये बात स्वामी प्रसाद मौर्य को भी पता है कि वो 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत के नाम पर कुछ उखाड़ने नहीं जा रहे.
लेकिन उन्होंने तय किया है कि वो अखिलेश यादव का खेल ज़रूर खराब करेंगे. उन्होंने तय किया है कि वो अखिलेश के पीडीए को पिद्दी बना कर ही दम लेंगे.
22 फरवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिल्ली में अपनी पार्टी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का ऐलान कर दिया.
दोस्तो आपको पता है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ सपा में आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सपा छोड़ नई पार्टी बनाई है.
उनकी नई पार्टी पर अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने कहा कि उन्हें समझ ही नहीं आया कि मौर्य का नाराजगी आखिर है क्या.
रही बात सपा छोड़ने की तो उस पर शिवपाल ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए ये कोई नई बात नहीं है. लोकदल से लेकर बीएसपी तक वो सब जगह घूम आए हैं. अब जो दल बाकी रह गये हैं वहां भी घूम आएं.
समाजवादी पार्टी के कुछ छुटभैय्ये नेताओं का तो यहां तक कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी के एजेंट हैं और उन्होंने सपा छोड़कर बीजेपी का काम आसान किया है.
हालांकि मौर्य ने 22 फरवरी को अपनी पार्टी के ऐलान के बाद सबसे तीखा जुबानी अटैक बीजेपी पर ही किया. उन्होंने देश में संविधान खत्म होने से लेकर लोकतंत्र की हत्या तक की बात की.
उधर समाजवादी पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी के संसदीय क्षेत्र बदायूं में तगड़ी घेराबंदी कर दी है. मौर्य की बेटी संघमित्रा फिलहाल बीजेपी के टिकट पर बदायूं की सांसद हैं.
समाजवादी पार्टी ने बदायूं सीट पर शिवपाल यादव को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बना दिया है.
पहले इसी सीट के लिए अखिलेश यादव ने अपने भाई धर्मेंद्र यादव का नाम घोषित किया था लेकिन जब मंगलवार को समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए तीसरी लिस्ट जारी की तो उसमें शिवपाल यादव का नाम बदायूं उम्मीदवार के तौर पर शामिल था जिसने सभी को चौंका दिया.
अखिलेश यादव ने जब अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी तब उन्होंने धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया था. उस समय पार्टी में स्थिति बिल्कुल सामान्य थी. फिर राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का नामांकन हुआ और स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी से बगावत कर दी. अब स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी अलग पार्टी बना चुके हैं तो उनकी बेटी के लिए बदायूं में समाजवादी पार्टी ने और मज़बूत उम्मीदवार उतार दिया है.
हालांकि अभी तक बीजेपी के ओर से बदायूं सीट पर उम्मीदवार तय नहीं किया गया है. लेकिन मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य को बीजेपी का टिकट मिलने की उम्मीद ना के बराबर है. ऐसे में स्वामी प्रसाद की बेटी का राजनीतिक भविष्य डूबता ही दिखाई दे रहा है.
अगर 2019 की बात करें तो जब स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी में थे तो बीजेपी ने उनकी बेटी संघमित्रा को बदायूं से उम्मीदवार बनाया था. संघमित्रा को 5 लाख 11 हजार से अधिक वोट मिले थे और सपा के धर्मेंद्र यादव को 4 लाख 92 हजार वोट मिले थे. धर्मेंद्र यादव ये चुनाव लगभग 19 हजार वोटों से हार गये थे.
शिवपाल को बदायूं से उतारे जाने के बाद चर्चाएं दो तरह की हैं. पहली कि अखिलेश ने चाचा को किनारे लगा दिया है और दूसरी कि अखिलेश ने अपनी पार्टी की खोई सीट पाने के लिए एक तगड़ा उम्मीदवार उतारा है.
शिवपाल यादव सपा को खड़ा करने वाले नेताओं में से माने जाते हैं. सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच शिवपाल मजबूत पकड़ रखते हैं. विधानसभा के स्तर पर उनका ठीकठाक जनाधार भी है. लेकिन लोकसभा चुनाव में उनकी ताकत का टेस्ट होना अभी बाकी है वो भी तब जब सामने बीजेपी जैसा ताकतवर विरोधी हो.
हालांकि बीजेपी के नेता तो स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना स्टार प्रचारक बताने में लगे हैं. बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को भारतीय जनता पार्टी के सुपरस्टार प्रचारक बताया है.
बृजभूषण शरण सिंह गोंडा के छपिया विकासखंड में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे थे.
उन्होंने कहा कि कोई माने या ना माने इस देश में सनातन के प्रति या हिंदू धर्म के प्रति हमेशा से आस्था है. सनातन है और सनातन आगे भी रहेगा.
उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में सनातन को नकारना, राम के अस्तित्व को ना मानना, और शिव के अस्तित्व को ना मानना नहीं चलेगा. बीजेपी सांसद ने कहा कि जब विरोधियों के मुंह से ये सब निकलता है. तो इसका भारतीय जनता पार्टी को ही फायदा होता है.
गोंडा से बीजेपी सांसद ब्रज भूषण शरण सिंह ने लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि इस बार तो लड़ाई ही समाप्त हो गई है. इस बार बीजेपी को कोई चुनौती नहीं है. उन्होंने कहा कि आज के समय में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती हुई दिखाई दे रही है और इसमें सबसे बड़ा सहयोग राहुल गांधी का है.